नई दिल्ली दि.19 – केंद्रीय सडक परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ‘आज तक’ के झी-20 समिट में हिस्सा लेते हुए कहा कि, भाजपा का साबून पूरी तरह से ‘इको फे्ंरडली’ है. जो बेहतरीन साफ-सफाई करते हुए सारे दाग धो देता है. गडकरी ने यह भी कहा कि, राजनीति में लोग आते-जाते रहते है और बातें भी होती रहती है. चुनाव में जीतने की राजनीति सबसे अहम होती है और जो जीतता है, वहीं सिकंदर होता है. इसीलिए कभी-कभी गठबंधन में कई दलों को पाटर्नर के तौर पर लेना पडता है और लोग आते भी है. साथ ही हम भी अपनी ताकत बढाना चाहते है. क्योंकि आखिरकार ‘पॉलिटीक्स इज द गेम ऑफ कम्पोजेशन, लिमिटेशन एण्ड कॉन्ट्रडिक्शन’.
उल्लेखनीय है कि, इस समिट में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कई दागी नेताओं के भाजपा में शामिल होने पर पूछा गया था कि, क्या भाजपा के पास कोई साबुन या वॉशिंग मशीन है, जो दागी नेताओं पर लगे सभी दाग-धब्बों को धोकर साफ कर देता है, तो इस पर हंसते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बडे ही मजाकिया अंदाज में उपरोक्त बात कहीं और कहा कि, भाजपा का साबून पूरी तरह से ‘इको फे्ंरडली’ है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते हुए द्बारका एक्सप्रेस वे के निर्माण को लेकर आयी सीएजी की रिपोर्ट पर भी विस्तार से जवाब दिया. जिसके तहत उन्होंने कहा कि, हमने तो इसमें पैसा बचाया है और यदि विपक्ष द्बारा इसमें किसी भी तरह का भ्रष्टाचार साबित कर दिया जाता है, तो वे किसी भी तरह की सजा को भुगतने के लिए तैयार है.
इसके साथ ही दिल्ली में पडोसी राज्यों से पराली जलाने की वजह से होने वाले प्रदूषण को लेकर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि, इस समस्या से भी जल्द ही निजात मिलेगी. क्योंकि पानीपत में इंडियन ऑइल में प्लाँट डाला है. जहां पर पराली से करीब 1 लाख लीटर इथेनॉल बनता है. पहले डेढ सौ टन बायाविटामिन बनाया जा रहा था. वहीं अब बायोएविएशन फ्ल्यूल बनाया जा रहा है. इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा व यूपी में अब 135 प्लाँट काम कर रहे है, जो पराली से सीएनजी और पीएनजी बना रहे है. इसके अलावा दिल्ली से 30 लाख टन कचरे को कम करते हुए उसका उपयोग रास्तें का निर्माण करने में किया गया है.
* राहुल के आरोप हास्यास्पद
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्बारा आरएसएस एवं केंद्र सरकार को लेकर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि, सभी आरोप बेहद हास्यास्पद है और यह कोई मैच्यूरिटी के लक्षण नहीं है. यह सही है कि, विपक्ष में रहकर विरोध करना पडता है और सरकार के विरोध में बातें करनी पडती है. किसी समय हम भी विपक्ष में थे और यह सब करते थे. ऐसे मेें राहुल गांधी को चाहिए कि, वे कुछ ऐसी बातें करें कि, लोग उन्हें समझ सके और उनकी बातों में दम महसूस हो. वेबुनियाद आरोप लगाने का कोई तुक नहीं है.
* चुनाव देखकर काम नहीं करता, काम खुद बोलता है
इस समिट में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने यह भी कहा कि, वे चुनाव देखकर लोगों को लूभाने के लिए काम नहीं करते. बल्कि लगातार अपना काम करते रहते है. जब अच्छी सडकों का निर्माण होता है, तो लोग खुद ही आपके लिए प्रचार करते है. इसके साथ आगामी जनवरी-फरवरी माह तक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के शुरु हो जाने की बात कहते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इलेक्ट्रीक वाहनों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि, इस समय देश में इलेक्ट्रीक गाडियों की वेटींग लिस्ट लगी हुई है. इलेक्ट्रीक बस, इलेक्ट्रीक कार, इलेक्ट्रीक स्कूटर व इलेक्ट्रीक मर्सिडिज भी लॉन्च हो गए है. ऐसे में यदि कोई पेट्रोल या डीजल के वाहन में प्रतिमाह 28 से 30 हजार रुपए का खर्च करता है, तो इलेक्ट्रीक वाहन पर उसे प्रतिमाह केवल 2 हजार रुपए का खर्च आता है. जिसके चलते हर कोई इलेक्ट्रीक वाहन को अपनाकर अच्छा खासा पैसा बचा सकता है.
* भाजपा की ‘दुकान’ में भीड, ‘नये ग्राहक’ कुछ ज्यादा ही
– नितिन गडकरी ने अपने ही लोगों को काटी चिकोटी
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के बुलढाणा में भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी ही पार्टी व पार्टीजनों पर तंज कसते हुए कहा कि, अब भाजपा सबसे बडा राजनीतिक दल बन चुका है. जिसका दसों दिशाओं में विस्तार हो गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, भाजपा की ‘दुकान’ अच्छी खासी चल निकली है. लेकिन इस दुकान में नये ग्राहक ही ज्यादा दिखाई देने लगे है और पूराने व ओरिजनल ग्राहक यानि पार्टी के पूराने समर्पित व निष्ठावान कार्यकर्ता इन दिनों दिखाई नहीं देते. इस कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने मौजूदा दौर की राजनीति पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, आज राजनीति यानि सीधे-सीधे सत्तानीति का रुप ले चुकी है. ऐसे में राजनीतिक के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों ने केवल सत्ता पर लक्ष्य केंद्रीय करने की बजाय सामाजिक हितों पर भी ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, भाजपा आज जिस मुकाम पर है, उसके पीछे सर्वसामान्य कार्यकर्ताओं द्बारा किया गया त्याग व परिश्रम सबसे मुख्य वजह है. अत: पार्टी ने अपने पुराने निष्ठावान व समर्पित कार्यकर्ताओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए.