* 4 सप्ताह में नये ठेकेदार की करनी होगी नियुक्ति
* पुरानी फाइनांशियल बीड पर होगा दुबारा विचार
* रेस में रहने वाली शेष 9 कंपनियों में से होगा चयन
* मनपा ने हाईकोर्ट में गडबडी व जल्दबाजी की गलती की स्वीकार
अमरावती/दि.24 – स्थानीय महानगरपालिका द्बारा मनपा की सेवा में 351 अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति ठेका तत्व पर करने हेतु आउट सोर्सिंग का ठेका अमरावती नागरिक सुशिक्षित बेरोजगार संस्था को निविदा प्रक्रिया पश्चात दिया गया था. जिसे लेकर ठेके की रेस में रहने वाली जानकी सुशिक्षित बेरोजगार संस्था द्बारा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर कर चुनौति दी गई थी. जिस पर हुई सुनवाई पश्चात हाईकोर्ट ने जानकी संस्था के दावे को सही पाते हुए अमरावती मनपा द्बारा अमरावती नागरिक सुशिक्षित संस्था को दिए गए ठेके को रद्द करने का फैसला सुनाया. साथ ही अमरावती मनपा को यह आदेश भी दिया कि, आगामी 4 सप्ताह के भीतर टेंडर भरने वाली बाकी संस्थाओं में से किसी एक संस्था को नियमानुसार आउट सोर्सिंग का ठेका प्रदान किया जाए.
बता दें कि, मनपा द्बारा 3 वर्षों हेतु मनपा की आस्थापना पर कुशल व अकुशल मनुष्यबल की ठेका तत्व पर नियुक्ति करने हेतु आउट सोर्सिंग एजेंसियों से निविदा आमंत्रित की गई थी. जिसके चलते 27 करोड रुपए के इस ठेके हेतु करीब 97 संस्थाओं की ओर से निविदा प्रस्ताव प्राप्त हुए थे और टेक्निकल बीड के बाद केवल 10 संस्थाओं को फायनांशियल बीड के जरिए पात्र माना गया था. पश्चात फायनांशियल बीड खोलने के उपरान्त मनपा द्बारा अमरावती नागरीक सुशिक्षित बेरोजगार संस्था को आउट सोर्सिंग के काम हेतु पात्र मानते हुए मनपा आयुक्त व प्रशासक प्रवीण आष्टीकर की मंजूरी से ठेका आवंटीत कर दिया गया था. परंतु इस पूरी प्रक्रिया में नियमों व शर्तों की अनदेखी होने का आरोप लगाते हुए फायनांशियल बीड में शामिल रहने वाली जानकी सुशिक्षित बेरोजगार संस्था ने आपत्ति उठाई तथा मनपा का फैसले नियमबाह्य व गलत रहने का आरोप लगाते हुए अपने वकील एड. परवेज मिर्जा के जरिए नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जहां पर न्या. रोहित देव व न्या. वृषाली जोशी की खंडपीठ के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद हाईकोर्ट ने जानकी संस्था के पक्ष को सही मानते हुए अमरावती मनपा द्बारा अमरावती नागरिक सुशिक्षित बेरोजगार संस्था को दिया गया ठेका तुरंत प्रभाव से रद्द करने का आदेश जारी किया. साथ ही अमरावती मनपा को यह निर्देश भी दिया गया कि, आउट सोर्सिंग के काम हेतु नई निविदा प्रक्रिया शुरु करने की बजाय उससे पहले वाली निविदा प्रक्रिया की फायनांशियल बीड में शामिल रहने वाले निविदाधारकों के प्रस्तावों पर दुबारा विचार किया जाए और उनमें से ही किसी एक पात्र निविदाधारक को सभी नियमों व शर्तों का पालन करते हुए आउट सोर्सिंग के काम का ठेका प्रदान किया जाए, यह पूरी प्रक्रिया आगामी 4 सप्ताह के भीतर पूर्ण करने का निर्देश भी हाईकोर्ट ने अमरावती महानगरपालिका को दिए है.
* राउंड फिगर और एक फीसद सर्विस चार्ज के टेक्निकल प्वॉईंट पर हुआ फैसला
जानकी संस्था की ओर से हाईकोर्ट में पैरवी करने वाले एड. परवेज मिर्जा ने बताया कि, आउट सोर्सिंग के ठेके हेतु मनपा ने राउंड फिगर फाइनल अमाउंट का प्रस्ताव देने तथा कम से कम एक फीसद व उससे अधिक सर्विस चार्ज अनिवार्य रहने की शर्त रखी थी. परंतु इन दोनों शर्तों का अमरावती नागरिक सुशिक्षित बेरोजगार संस्था ने उल्लंघन किया और सर्विस चार्ज को एक फीसद से कम बताया. इसके बावजूद अमरावती मनपा प्रशासन ने बेहद जल्दबाजी दिखाते हुए अन्य निविदाधारकों अनदेखी कर अमरावती नागरिक सुशिक्षित बेरोजगार संस्था को आउट सोर्सिंग के काम का ठेका आवंटित किया. जो कि पूरी तरह से नियमबाह्य है. इस बात से हाईकोर्ट को अवगत कराया गया और इस तकनीकी मुद्दे को हाईकोर्ट ने भी ब्राह्य मानते हुए जानकी संस्था की आपत्ति को सही माना. इसके आधार पर अमरावती मनपा को आउट सोर्सिंग का आवंटित ठेका रद्द करते हुए नये ठेकेदार की नियुक्ति करने का आदेश दिया गया है.
* 4 माह में अदा हो चुका 5 करोड का बिल
विशेष उल्लेखनीय है कि, आउट सोर्सिंग का ठेका 3 साल की कालावधि के लिए आवंटित किया गया और इस अवधि के दौरान मनपा को करीब 27 करोड रुपए का भुगतान ठेका नियुक्त मनुष्यबल हेतु आउट सोर्सिंग एजेंसी को देना था. जिसमें से विगत 4 माह के दौरान मनपा द्बारा ठेकेदार को 5 करोड रुपए का भुगतान किया भी जा चुका है. इस संदर्भ में हाईकोर्ट ने अपने निरीक्षण में यह भी कहा कि, पुराने ठेकेदार को जो भुगतान किया जा चुका है और पुराने ठेकेदार द्बारा जिन लोगों की नियुक्ति की गई है. उसे यथावत रखा जाए और उसे एक तरह से ‘कैरी फॉरवर्ड’ करते हुए आउट सोर्सिंग का ठेका हासिल करने हेतु प्रस्ताव दाखिल करने वाली तथा फायनांशियल बीड के लिए पात्र रहने वाली शेष एजेंसी के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करते हुए किसी एक एजेंसी को आउट सोर्सिंग के काम का ठेका आवंटित किया जाए.
* जल्द शुरु होगी प्रक्रिया
इस संदर्भ मेें जानकारी देते हुए मनपा के विधि अधिकारी एड. श्रीकांतसिंह चौहान ने बताया कि, हाईकोर्ट ने तकनीकी रुप से अमरावती नागरीक सुशिक्षित बेरोजगार संस्था को आवंटित आउट सोर्सिंग का ठेका रद्द करने का आदेश दिया है. साथ ही इस निविदा प्रक्रिया की फायनांशियल बीड में शामिल रहने वाली शेष संस्थाओं का पुनर्मूल्यांकण कर उनमें से किसी एक का चयन करते हुए उसे नियमानुसार यह ठेका देने का निर्देश दिया है. ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले की समीक्षा करते हुए निगमायुक्त के निर्देश पर जल्द ही आगे की कार्रवाई शुरु की जाएगी.
* अन्य इच्छूकों की बाछें खीली, फिर शुरु होगी लॉबिंग व फिल्डींग
उल्लेखनीय है कि, जिस समय मनपा द्बारा 3 साल के लिए 27 करोड रुपए के मूल्य वाले आउट सोर्सिंग ठेके की निविदा प्रक्रिया शुरु की गई थी. तब इस ठेके को हासिल करने की रेस में रहने वाले इच्छूकों द्बारा जमकर लॉबिंग व फिल्डिंग की जा रही है. वहीं मनपा प्रशासन द्बारा यह ठेका अमरावती नागरीक सुशिक्षित संस्था को सौंपे जाने का निर्णय लिए जाते ही जहां अन्य इच्छूकों ने मायूसी छा गई थी. वहीं ठेका आवंटन की प्रक्रिया को लेकर भी काफी आपत्तियां उठी थी. इसी के तहत फायनांशियल बीड में शामिल रहने वाली जानकी संस्था द्बारा मनपा के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई पश्चात गत रोज हाईकोर्ट ने मनपा द्बारा अमरावती नागरीक सुशिक्षित बेरोजगार को दिया गया ठेका रद्द करने का आदेश सुनाया. साथ ही फायनांशियल बीड में शामिल रहने वाले अन्य निविदाधारकों के प्रस्तावों पर पुनर्विचार करते हुए उनमें से किसी एक को नियमानुसार यह ठेका देने का आदेश दिया है. ऐसे में आउट सोर्सिंग एजेंसी के ठेके की निविदा प्रक्रिया के तहत फायनांशियल बीड में शामिल रहने वाली एजेंसियों के कुछ संचालकों की बाछे खिल गई है. क्योंकि उनके पास आउट सोर्सिंग एजेंसी का ठेका हासिल करने का एक मौका उपलब्ध हो गया है. ऐसे में इस मौके को लपकने के लिए अब संबंधितों द्बारा जमकर लॉबिंग व फिल्डिंग की जाएगी.