अमरावती

चार अस्पतालों में ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध

सुपर स्पेशालिटी, जिला सामान्य अस्पताल, पीडीएमसी तथा एक निजी अस्पताल का समावेश

अमरावती/दि.1 – कोरोना महामारी के चलते अमरावती की वैद्यकीय सुविधाओं में नियमित रुप से बढोतरी की गई है. जीवन का दूसर नाम आक्सीजन को माना जाता है इसलिए ऑक्सीजन को प्राणवायु भी कहा जाता है. कोरोना काल में ऑक्सीजन के महत्व को देखते हुए अमरावती के 4 अस्पतालों में ऑक्सिजन की सुविधा उपलब्ध की गई है. जिसमें जिले के सुपर स्पेशालिटी, जिला सामान्य अस्पताल, पीडीएमसी तथा एक निजी अस्पताल का समावेश है. दिनों मेें पीडीएमसी में इस यंत्रणा की ट्रायल पूरी होकर यह के्ंरद कार्यरत हो जाएगा.
कोरोना संक्रमण के कारण बीते एक वर्ष से अमरावती जिले में स्वास्थ्य यंत्रणा पूरी तरह सक्रीय हो गई थी. हमेशा जिले में आक्सीजन की किल्लत महसूस हो रही थी. इसलिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में मरीजों को ले जाया जाता था. इस रेफर प्रक्रिया में काफी खतरा रहता था और आक्सीजन के अभाव के कारण कई बार मरीजों मृत्यु भी हो गई है. जब कोरोना का ग्राफ बढ रहा था उस समय ऑक्सीजन की समस्या बडी मात्रा में दिखाई दी.
आक्सीजन की समस्या पर स्थायी रुप से हल ढूंढने के लिए राज्य के स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे, पालकमंत्री एड.यशोमती ठाकुर, विधायक सुलभा खोडके ने एकमत कर वित्त विभाग को प्रस्ताव पेश कर गुहार लगाई. कोरोना की समस्या को देखते हुए वित्त विभाग ने भी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की. जिसके चलते जिले में एक नहीं बल्कि तीन जगह पर सरकारी यंत्रणा के माध्यम से जीवनदायी आक्सीजन आपूर्ति यंत्रणा कार्यान्वित की गई. इतना ही नहीं तो राजापेठ क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में भी लिक्विड बेस का बडा आक्सीजन सिलेंडर तैयार किया गया.
अमरावती शहर के चार अस्पतालों में तकरीबन 45 टन आक्सीजन का भंडार उपलब्ध हो गया है. सुपर स्पेशालिटी में सबसे बडा यानी 21 टन क्षमता का सिलेंडर लगया गया है तथा इर्विन अस्पताल और पीडीएमसी में 11-11 टन क्षमता के ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए गए है. इतना ही नहीं तो निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की क्षमता डेढ टन होनी की जानकारी प्राप्त हुई है.
मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सिलेंडर को घरेलू नल की तरह पाइप लाइन का जाल तैयार किया गया है. सुपर स्पेशालिटी, इर्विन अस्पताल तथा निजी अस्पताल में उक्त जाल तैयार किया गया है. जिससे मरीजों को सीधे आक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है. आगामी दो दिनों में पीडीएमसी अस्पताल में पाइप लाइन का ट्रायल पूरा होगा.
कोरोना महामारी के कालवधि में अमरावती में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाली स्वास्थ्य यंत्रणा के कुछ डॉक्टरों की सराहना की गई. जिसमें जिला शल्य चिकित्सक डॉ.श्यामसुंदर निकम, फिजिशियन डॉ.अशोक किनवटकर, पीडीएमसी के निवृत्त अधिष्ठाता डॉ.पद्माकर सोमवंशी, नवनियुक्त डीन डॉ.ए.टी.देशमुख आदि का योगदान काफी उल्लेखनीय है. जिले में सबसे पहले पूर्व पालकमंत्री डॉ.सुनील देशमुख ने आक्सीजन सिलेंडर के संदर्भ में प्रशासन का ध्यानाकषर्ण किया था.

हिमांशु वेद पर सौंपी जिम्मेदारी

तीन सरकारी अस्पतालों समेत ही एक निजी अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर लगाने ने के साथ ही उसके रखरखाव की भी जिम्मेदारी विदर्भ के सुविख्यात श्री वल्लभ गैस एजेंसी के संचालक हिमांशु वेद पर सौंपी गई है. इन्स्टॉलेशन के साथ ही सभी प्रकार की जिम्मेदारी वेद ही संभालेंगे. कोरोना के कारण ही आज अमरावती स्वास्थ्य सुविधा के मामले में सतर्क हो गया है.

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