इंडिया फॉर टायगर्स रैली ऑन विल्स पहुंची ऑक्सीजन पार्क
कोलकास व शहानुर में भ्रमण कर कल चिखलदरा में होगा समापन
अमरावती/प्रतिनिधि दि.५ – आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त राष्ट्रीय व्याघ्र प्राधिकरण अंतर्गत इंडिया फॉर टायगर रैली ऑन विल्स यह जनजागृति उपक्रम चलाया जा रहा है, इस आशय की जानकारी विभागीय वन अधिकारी पीयूषा जगताप ने दी. इस रैली का समापन चिखलदरा में 6 अक्तूबर को होगा.
देश में साल 2018 में हुई व्याघ्र गणना में देशभर से 2 हजार 967 बाघों का पंजीयन हुआ. उनमें से अकेले मेलघाट में 50 से अधिक बाघ है. बाघों के संवर्धन की दृष्टि से अनेक योजनाएं वन विभाग से चलाई जाती है. उनमें वन पर्यटन के स्थानीकों को रोजगार कैेसे मिले, इसपर विशेष जोर दिया जाता है. वन्यजीव की सुरक्षा करने के लिहाज से मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में लगातार जनजागृति की जाती है, यह जानकारी पीयूषा जगताप ने दी. इंडिया फॉर टायगर्स रैली ऑन विल्स जैेसे देशभर में 9 अलग-अलग जगहों पर एक ही समय पर रैली की शुरुआत हुई है. मेलघाट की रैली छत्तिसगढ स्थित व्याघ्र प्रकल्प से शुरु हुई है.
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प व वन विभाग की ओर से रैली का अमरावती में ऑक्सीजन पार्क में स्वागत किया गया. पेंच व बोर प्रकल्प के संचालक डॉ.रवि किरण गोवेकर ने रैली का ध्वज मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के मुख्य वन संरक्षक तथा क्षेत्र संचालक ज्योती बैनर्जी के सुपूर्द किया. इस समय यवतमाल वन परिक्षेत्र के वन संरक्षक पी.जे.लोणकर, सामाजिक वनीकरण वन संरक्षक डी.पी.निकम, राष्ट्रीय व्याघ्र प्राधिकरण के सहायक संचालक हेमंत कापडी, उपवन संरक्षक चंद्रशेखरन बाला, नवकिशोर रेड्डी, अविनाशकुमार, पीयूषा जगताप, विभागीय वनाधिकारी मनोजकुमार खैरनार, डेहनकर आदि उपस्थित थे. यह उपक्रम देशभर के 18 राज्यों में चलाया जा रहा है. 51 व्याघ्र प्रकल्प इसमें शामिल हुए है. महाराष्ट्र व छत्तिसगढ के सभी व्याघ्र प्रकल्पों का समावेश रहने वाले रैली का समापन चिखलदरा में 6 अक्तूबर को होगा. यह रैली छत्तिसगढ के अचानकुमार व्याघ्र प्रकल्प से शुरु हुई. अचानकुमार, उदनती, सितानदी, इंद्रावती, ताडोबा, अंधारी, नवेगांव, नागझिरा, पेंच, बोर व मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प यह रैली का मार्ग है. जगह-जगह व्याघ्र प्रकल्प के उपक्रम व विशिष्ट झलकियां रैली में देखने को मिलेगी. युथ फॉर नेचर कन्झर्वेशन आर्गेनाईझेशन और राज्यकला अध्यापक संघ की ओर से चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. रैली के स्वागतार्थ पार्क में आयोजित समारोह में बोर व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र संचालक गोवेकर यह रैली की महत्ता व व्याघ्र संवर्धन को लेकर मार्गदर्शन किया. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की स्थापना साल 1974 में हुई. यह प्रकल्प देश के पहले 9 व्याघ्र प्रकल्प में से एक है. देश में 2018 में हुई व्याघ्र गणना ने देश के 2 हजार 967 बाघों में से 50 से अधिक बाघ अकेले मेलघाट में हैं. व्याघ्र संवर्धन के दृष्टिकोन से वन पर्यटन से रोजगार निर्मिति, कोैशल्य विकास, जनजागृति पर लगातार प्रयास करने की जानकारी वन संरक्षक ज्योती बनर्जी ने दी. संचालन शिप्रा मानकर ने किया व आभार डेहनकर ने माना.