अमरावतीमहाराष्ट्र

पी.आर. पोटे शिक्षा समूह में संवाद

जया किशोरी ने की विद्यार्थियों की जिज्ञासा शांत

अमरावती/दि.3– अध्यात्मिक प्रवक्ता एवं कुशल प्रेरक वक्ता के रुप में प्रसिद्ध जया किशोरी बुधवार दोपहर पोटे ग्रुप ऑफ एज्युकेशन इंस्टिट्यूशन के स्वामी विवेकानंद सभागार पधारी तो छात्र-छात्राओं के साथ पालकवर्ग की खुशी का पारावार न था. किशोरजी ने भी उनकी आशाओं पर खरा उतरने का यथोचित प्रयत्न किया. उनके संबोधन पश्चात जब विद्यार्थियों से संवाद हुआ, तब उनकी प्रतिभा निखरकर सामने आई. अपने सीधे और सधे हुए उत्तरों से वे छात्र-छात्राओं को बडा प्रभावित कर गई. दूसरे शब्दों में कहे तो दिल जीत लिया.

* नानाविध प्रश्न, जिज्ञासा
विद्यार्थियों ने स्वाभाविक रुप से परीक्षा में असफलता, करियर को लेकर तनाव, कडी स्पर्धा से संबंधित प्रश्न किए. किशोरी जी ने बताया कि किसी से आगे निकलने की सोच का परित्याग कर दें. इससे दो लाभ होंगे. प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी. आप अपने ढंग से आगे बढेंगे. उन्होंने यह जरुर कहा कि जीवन में कोई भी कार्य कोई उद्देश्य लेकर करने चाहिए.

* देश हित में करें कार्य
जया किशोरी ने विद्यार्थियों की जिज्ञासा, भ्रांतियां और महत्वाकांक्षा विषयों पर सधे हुए जवाब दिए. उन्होंने देश हित में कार्य करने का उत्तर एक छात्रा के प्रश्न पर दिया. उन्होंने कहा कि देश में खामी, कमी निकालकर उसके परित्याग की सोचने वाले युवाओं को उस खामी को दूर करने का प्रण लेकर प्रयत्न शुरु कर देना चाहिए. तभी तो देश के प्रति वे अपना कुछ अर्पण कर सकेंगे. यदि ऐसा नहीें कर सकते तो देश को बुरा बोलने का भी, उसकी खामी बताने का भी अधिकार नहीं है.

* असफलता से न घबराएं
जया किशोरी ने कहा कि असफलता से घबराना नहीं चाहिए. अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयत्न हमारा सफलता की सीढी पर पहला कदम होता है. वे स्वयं नृत्य क्षेत्र में करियर करना चाहती थी. कत्थक की अच्छी नृत्यांगना है. अध्यात्म से जुडी तो यहीं की होकर रह गई. अब उनके देश-विदेश में मोटिवेशनल व्याख्यान भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता वहीं है कि आपके कार्य से किसी एक व्यक्ति में भी आपकी वजह से सकारात्मक परिवर्तन आ जाए, वह सफलता है.

* क्रिएटिव बनने यह करें
प्रश्न ढेर सारे थे. चुनिंदा के उत्तर किशोरी जी ने दिए. उन्होंने बहुत ही स्पष्ट कहा कि अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयत्न करना चाहिए. फिर वह क्षेत्र कॉमर्स का हो या इंजीनियरिंग का. इससे तनाव दूर होगा. इसी प्रकार अपनी अध्यात्म यात्रा शीघ्र शुरु करने की सलाह देते हुए प्रेरक वक्ता ने कहा कि इससे आपकी रचना धर्मिता बढेगी, उत्पादकता बढेगी. अर्थात क्रिएटिव और प्रोडेक्टिव होंगे. शांति रहेगी.

* आत्मविश्वास बढाने यह करें
जया किशोरी ने छात्र-छात्राओं से अपने बोले हुए, सोचे हुए को सर्वप्रथम अपने जीवन में उतारने, अंगीकार करने की सलाह दी. उन्होंने छात्रा के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि दैनंदिन बातों से हम अपना आत्मविश्वास बढा सकते हैं. जो भविष्य में बडी जगह अथवा बडे निर्णय के वक्त बडा उपयोगी रहता है. अपना कमरा साफ करने की सोचते ही उस पर तुरंत अमल करना हमारा आत्मविश्वास वृद्धिगत करता है. ऐसे ही छोटी-छोटी बातों से कॉन्फिडेंस बढता है. सभागार के प्रत्येक अनुरोध का उन्होंने सम्मान किया. भजन की पंक्तियां भी प्रस्तुत की. उनके मुख से राम आएंगे तो अंगना सजाउंगी, सुनकर सभागार रोमांचित, प्रफुल्लित नजर आया.

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