नौनिहालों के भविष्य को नया आकार दे रही पेस अकादमी
आईआईटी व एम्स जैसे शिक्षा संस्थानों के लिए कर रही विद्यार्थियों को तैयार
* पंचवटी चौक स्थित सेंटर से 10 वर्षों में दर्जनों विद्यार्थी पहुंचे उच्च शिक्षा संस्थानों में
* वातानुकूलित व आरामदेह वातावरण के बीच पढाई करने की सुविधा
* नामांकित शिक्षा संस्थाओं से निकले फैकल्टी कर रहे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन
* अकादमी की संचालिका माधुरी ढवले ने दी अमरावती मंडल को जानकारी
अमरावती/दि.11 – स्थानीय पंचवटी चौक के पास स्थित सिटी सेंटर की पहली मंजिल पर संचालित रहने वाली पेस अकादमी द्वारा शहर के नौनिहालों को मौजूदा दौर की प्रतिस्पर्धा का सामना करने हेतु योग्य बनाने के साथ ही उन्हें आईआईटी, एनआईटी, एम्स व सरकारी मेडिकल कॉलेज जैसे उच्च शिक्षा संस्थाओं में अभियांत्रिकी व मेडिकल पाठ्यक्रमों की पढाई करने हेतु तैयार किया जा रहा है. वर्ष 2015 से यानि आज से 10 वर्ष पहले इस अकादमी की अमरावती में शुरुआत हुई थी तथा इन 10 वर्षों के दौरान पेस अकादमी से निकले दर्जनों छात्र-छात्राओं ने देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में मेडिकल व इंजिनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश हासिल किया है. साथ ही कई छात्र-छात्राओं का चयन देश के नामांकित महाविद्यालयों में रिसर्च के लिए भी हुआ है.
बता दें कि, 25 वर्ष पहले मुंबई के अंधेरी में पेस अकादमी की शुरुआत हुई थी और देखते ही देखते देश के 70 से अधिक शहरों में पेस अकादमी की शाखाएं खुल गई. जिसके तहत शिक्षा क्षेत्र के साथ गहरा जुडाव एवं रुचि रखने वाली माधुरी रमेश ढवले ने वर्ष 2015 में पेस अकादमी की फेंचायसी हासिल करते हुए अमरावती में पंचवटी चौक के निकट पेस अकादमी की शाखा शुरु की थी. जिसके तहत पंचवटी चौक स्थित सिटी सेंटर की पहली मंजिल पर 16 कमरों की क्लासरुम के साथ पेस अकादमी की पूर्णत: वातानुकूलित शाखा शुरु हुई. जहां पर जेईई, एनईईटी व सीईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए बच्चों का मार्गदर्शन किया जाता है. माधुरी ढवले के मार्गदर्शन में पवन पाण्डेय व शोएब मिर्जा द्वारा संचालित की जाने वाली पेस अकादमी की शाखा में इस समय 16 प्रशिक्षित फैकल्टी कार्यरत है, जो अलग-अलग विषयों के लिए बच्चों का मार्गदर्शन करते है. इसमें 5 फैकल्टी ऐसे है, जो देश के टॉप इंजिनियरिंग कॉलेजों तथा आईआईटी व एनआईटी से पास आउट हुए थे. खास बात यह भी है कि, यह सभी फैकल्टी वर्ष 2015 से ही पेस अकादमी के साथ लगातार जुडे हुए है और उनके द्वारा करवाई जा रही पढाई की बदौलत पेस अकादमी के छात्र-छात्राओं का रिजल्ट बेहद शानदार रहा है.
* गत वर्ष ही 14 विद्यार्थी हुए आईआईटी के लिए सिलेक्ट
पेस अकादमी के विगत 10 वर्षों के कार्यकाल और इस दौरान हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में दैनिक अमरावती मंडल को जानकारी देते हुए पेस अकादमी की संचालिका माधुरी ढवले ने बताया कि, पेस अकादमी अमरावती का एकमात्र ऐसा एज्युकेशन इंस्टीट्यूट है, जिसके पिछले वर्ष ही आईआईटी के लिए 14 विद्यार्थी सिलेक्ट हुए. साथ ही गत वर्ष पेस अकादमी के करीब 11 बच्चे एम्स व जीएमसी यानि सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए सिलेक्ट हुए है. वहीं विगत 10 वर्षों के दौरान पेस अकादमी से आईआईटी के लिए 35, एनआईटी के लिए 70 तथा एम्स व जीएमसी के लिए 37 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ. वहीं चयनीत होने वाले विद्यार्थियों की संख्या साल दर साल बढती जा रही है.
* हर एक विद्यार्थी पर दिया जाता है पूरा ध्यान
इस बातचीत के दौरान भी पेस अकादमी के मार्केटींग हेड पवन पाण्डेय ने बताया कि, पेस अकादमी की किसी भी क्लासरुम में 50 से अधिक बच्चों की बैच नहीं होती. जिसके चलते पढाने वाले शिक्षक का ध्यान हर एक बच्चे की ओर होता है. साथ ही बच्चों को पढाने के साथ-साथ अकादमी में ही उनका होमवर्क भी कराया जाता है. इसके बाद बच्चे चाहे, तो अपने घर पर भी प्रैक्टीस कर सकते है. पवन पाण्डेय के मुताबिक पेस अकादमी के सभी क्लासरुम पूरी तरह से वातानुकूलित है और वहां पर बैठने हेतु आरामदायक आसन व्यवस्था भी उपलब्ध है, ताकि बच्चों की पढाई-लिखाई बिना किसी दिक्कत के होती है. इसके अलावा ब्लैकबोर्ड व चॉक को काफी पीछे छोडते हुए अकादमी के प्रत्येक क्लासरुम में इंटर एक्टीव पैनल लगाये गये है, जो मौजूदा दौर की पढाई-लिखाई के लिहाज से काफी सुविधापूर्ण है.
* 10 हजार किताबों वाली लाइब्ररी, 18 घंटे रहती है खुली
इस बातचीत के दौरान पेस अकादमी की संचालक माधुरी ढवले ने यह भी बताया कि, पेस अकादमी में 10 हजार किताबों का समावेश रहने वाली लाइब्ररी भी है, जो सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक यानि 18 घंटे खुली रहती है. जहां पर बैठकर पेस अकादमी के विद्यार्थी ज्ञानवर्धक किताबें पढ सकते है. इस लाइब्ररी में अभियांत्रिकी व मेडिकल पाठ्यक्रमों के विषयों से संबंधित सैकडों नामांकित लेखकों की लगभग 10 हजार किताबें उपलब्ध है. जिनके जरिए पेस अकादमी के विद्यार्थी यहां बैठकर उन तमाम विशेषज्ञ लेखकों की किताबें पढते हुए उनका मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते है. जिससे उनके विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि होती है.
* वर्ष 2021 में सीईटी का टॉपर पेस अकादमी से
विगत 10 वर्षोें के दौरान हासिल की गई अपनी तमाम उपलब्धियों का उल्लेख करने के साथ ही पेस अकादमी की संचालक माधुरी ढवले ने बताया कि, अकादमी को सबसे बडी उपलब्धि वर्ष 2021 में हासिल हुई थी. जब पेस अकादमी का एक छात्र सीईटी की परीक्षा में समूचे महाराष्ट्र से टॉपर रहा था. इसके अलावा पेस अकादमी की एक उपलब्धि यह भी रही कि, पूरे देश में केवल 3 कॉलेज रहने वाले आईआईएसईआर और आईआईएसटी की रिसर्च फेलोशीप के लिए पेस अकादमी को विद्यार्थियों का चयन हुआ था. जिसके साथ ही 7 वीं से 10 वीं कक्षा के विद्यार्थियों हेतु पेस अकादमी द्वारा चलाये जाने वाले फाउंडेशन कोर्स के विद्यार्थियों ने आईएमओ, एनएसओ, एनटीएससी व डॉ. होमीभाभा जैसी परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन करते हुए अब तक 22 गोल्ड मेडल जीते है.
* कमजोर एवं वंचित तबको के लिए विशेष छूट
इन दिनों पढाई-लिखाई काफी महंगी हो गई है तथा समाज के वंचित एवं आर्थिक रुप से कमजोर अभिभावक अपनी मेधावी बच्चों की पढाई-लिखाई का खर्च नहीं उठा पाते है, इस बात को ध्यान में रखते हुए पेस अकादमी ने अपनी ओर से ऐसे मेधावी बच्चों को कोचिंग शुल्क में भारी भरकम छूट देने की योजना चला रखी है. जिसके तहत दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों से वास्ता रखने वाले तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चों को अत्यल्प शुल्क में पेस अकादमी में प्रवेश दिया जाता है. साथ ही उनकी पढाई-लिखाई पर होने वाले खर्च का भी काफी हद तक वहन किया जाता है. इसके अलावा दिव्यांग विद्यार्थियों को भी पेस अकादमी में 50 फीसद तक छूट दी जाती है और अपनी शाला में कक्षा 10 वीं व 12 वीं में टॉपर रहने वाले विद्यार्थियों को भी पेस अकादमी में प्रवेश लेने पर शिक्षा शुल्क में छूट दी जाती है.