अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

पद्मश्री से मोदी तक पहुंचेंगे और वयस्क दिव्यांगों हेतु कानून बनवाएंगे

शंकर बाबा पापलकर का प्रतिपादन

* राम मंदिर जरुरी था, खुद को बताया सबसे बडा हनुमान भक्त
अमरावती/दि. 26- भारत सरकार व्दारा पद्मश्री सम्मान शिरोधार्य करता हूं. इसके लिए मोदी सरकार को धन्यवाद भी देता हूं. पद्मश्री के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचने का प्रयास हैं. जिसके जरिए देश में बेवारस वयस्क दिव्यांग के हित में रिमांडहोम का कानून बनवाने का प्रयास और लक्ष्य रहेगा. यह प्रतिपादन नवघोषित पद्मश्री डॉ. शंकरबाबा पापलकर ने अमरावती मंडल से विशेष बातचीत में किया. अमरावती मंडल और मंडल न्यूज ने सर्वप्रथम डॉ. पापलकर से बातचीत की. अपनी स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध पापलकर ने लगभग सभी विषयों, मुद्दों पर प्रश्नों के सीधे, बेबाक उत्तर दिए. बात-बात में केंद्र की मोदी सरकार की बडी प्रशंसा उन्होंने की.
* अनेक सीएम से की बात, नहीं बना कानून
दो दशकों से लावारिस दिव्यांग बच्चों को पालपोस रहे, उनकी शिक्षा का प्रबंध कर उन्हें आनेवाले कल के श्रेष्ठ नागरिक बनाने का प्रयत्न कर रहे शंकर बाबा पापलकर ने वयस्क दिव्यांग हेतु रिमांडहोम के विषय में पूछे जाने पर बताया कि, वे वर्षो से इसके लिए प्रयत्नशील है. महाराष्ट्र के कई मुख्यमंत्रियों से इस विषय पर बातचीत कर चुके हैं. अब तक कानून नहीं बन पाया है. जबकि उम्र के 18 वर्ष बाद भी अनाथ दिव्यांगों को सहायता की नितांत आवश्यकता होती है.
* मोदी से मिलकर करेंगे अनुरोध
शंकर बाबा ने कहा कि पद्मश्री प्राप्त होना निश्चित ही भाग्य की बात है. सरकार ने उनके कार्यो की दखल ली है. इस माध्यम से वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का प्रयत्न करेंगे. उनसे मिलकर बेवारस वयस्क दिव्यांग हेतु रिमांडहोम की व्यवस्था करने कानून बनाने का उनका अनुरोध रहेगा. पीएम मोदी ने अनेक क्षेत्रों में नए कदम, नए आयाम स्थापित किए हैं. यह वयस्क दिव्यांग रिमांडहोम का कानून भी वे बनाएंगे, ऐसा विश्वास पद्मश्री पापलकर ने व्यक्त किया.
* अब यही परिवार
जब उनसे घर परिवार के विषय में पूछा गया तो, संत गाडगेबाबा को आदर्श मानने वाले और करियर की शुरुआत देवकीनंदन गोपाला पत्रिका से शुरु करने वाले पापलकर ने तुरंत कहा कि अर्धांगिनी का निधन हो गया है. पुत्र, पुत्री और जंवाई अपनी दुनिया में मस्त हैं. वे भी इन लोगों से संबंध न रखते हुए अपने गोद लिए 123 बच्चों के इस परिवार में, इस आश्रम में खुश हैं. बल्कि पापलकर ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों को वे आश्रम में एंट्री भी नहीं देते.
* गुुरुवार दोपहर 2 बजे आया फोन
शंकर बाबा ने बताया कि गुरुवार दोपहर 2 बजे गृह मंत्रालय से उन्हें पद्मश्री स्वीकारने संबंधी फोन आया. उन्होंने तत्काल हां कह दी. उपरांत शाम में उनके नाम की घोषणा की गई. स्वाभाविक रुप से उनके वझ्झर स्थित आश्रम और उन्हें जानने-चाहने-मानने वाले तमाम गणमान्य की ओर से बधाई संदेश मिलने लगे.
* बधाई का तांता, आए फडणवीस, गडकरी के फोन
पापलकर ने बताया कि कल से अब तक 700 कॉल बधाई संदेश के आ चुके हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित अनेक मान्यवरों ने अमरावती के इस अनूठे समाजसेवी, 123 बच्चों के पिता का अभिनंदन किया. इस बातचीत के दौरान भी शंकरबाबा का फोन सतत बज रहा था. सिम्पल रहनसहन और उतनी ही सादगीपूर्ण भाषा के लिए जाने जाते शंकर बाबा ने बताया कि उनके आश्रम में 5 हजार नीम के पेड सहित 15 हजार के लगभग पेड-पौधे हैं.
* कलेक्टर का योगदान
सवाल के जवाब में शंकर बाबा ने अमरावती के जिलाधीश सौरभ कटियार का अपने पद्मश्री सम्मान हेतु विशेष योगदान रहने की बात कही. उन्होंने बताया कि कलेक्टर कटियार ने प्रभावी ढंग से उनके नाम को पद्मश्री पुरस्कार के लिए केंद्र शासन को भेजा था. उसी के फलितार्थ गुरुवार शाम सुखद समाचार आया.
* 40 लाख की ग्रांट ठुकराई
शंकर बाबा का कहना रहा कि सरकारी रिमांडहोम के जरिए उनके स्व. अंबादासपंत वैद्य आश्रम में बेवारस दिव्यांग बच्चे आते हैं. ग्रांट देने की बजाए कानून बनाने पर उनका सदैव जोर रहा है. उन्होंने एक बार देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्रीत्व काल में 40 लाख रुपए की ग्रांट अस्वीकार कर दी थी.

* राम मंदिर आवश्यक
शंकर बाबा पापलकर ने अयोध्या के राम मंदिर निर्माण को आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि हिंदूओं की भावनाओं का स्थल होने से वहां भव्य-दिव्य राम मंदिर आवश्यक था. प्रधानमंत्री मोदी ने सहित काम किया है.

* मोदी बेस्ट प्रधानमंत्री
शंकर बाबा ने आजादी के बाद नरेंद्र मोदी को सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री बताया. उल्लेखनीय है कि शंकर बाबा को कुछ वर्ष पूर्व संगाबा अमरावती विवि ने मानद डॉक्टरेट भी प्रदान की थी. आज की बातचीत में वे मोदी सरकार से खासे प्रभावित दिखाई दिए.
* बच्चे आदर्श, मैं हनुमान भक्त
अनाथों के नाथ कहलाते शंकर बाबा पापलकर ने कहा कि वे ओशो को गुरु मानते हैं. ओशो के कारण ही इस सेवा में आए हैं. बच्चों को अपना आदर्श बताते हुए पापलकर ने कहा कि वे दुनिया के सबसे बडे हनुमान भक्त हैं. 70 वर्षो से नित्य नियम से हनुमानजी की पूजा कर रहे हैं.

* अनिल अग्रवाल ने किया अभिनंदन
परतवाडा- अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल ने आज सवेरे वझ्झर स्थित आश्रम पहुंचकर पद्मश्री शंकर बाबा पापलकर का पुष्पगुच्छ देकर अभिनंदन किया. स्वाभाविक रुप से बाबा के सभी गोद लिए दिव्यांग बच्चों ने उन्हें घेर रखा था. बाबा ने अपना पद्मश्री अवार्ड भी इन दिव्यांग बच्चों को ही समर्पित किया है.

Related Articles

Back to top button