अमरावती

श्रद्धालुओं का आस्था स्थल है पंचवटी शिव मंदिर

सालभर जारी रहते है धार्मिक कार्यक्रम, महाशिवरात्रि पर उमडेंगी भीड़

अमरावती /दि. १७ प्रकृति के बीच बसा तथा पंचवटी नाम से विख्यात श्री शिवशंकर हनुमान मंदिर पुराना बाइपास मार्ग स्थित ऑक्सीजन पार्क के सामने कांग्रेस नगर के समीप है. यह मंदिर श्रद्धालुओं का आस्थास्थल है. प्रकृति एवं शिव के बीच अनूठा संबंध हैं. यही वजह है कि जहां शिवालय है वहां प्राकृतिक वातावरण अपने आप निर्माण हो जाता है. इस मंदिर में १०० वर्ष से अधिक प्राचीन पीपल, नीम, उंबर, बरगद समेत अनेक पेड़ हैं. जिससे यह परिसर आरंभ से ही प्राकृतिक स्थल होने के संकेत यहां मिलते हैं. यहां स्थित भगवान शिव का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. यहां पर सालभर धार्मिक कार्यक्रम संपन्न होते है. इस बार महाशिवरात्रि के अवसर पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमडेंगी. सावन माह एवं शिवरात्रि में बडी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में पहुंचकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं. मंदिर के बारे में पदाधिकारी, भक्त हुकमीचंद खंडेलवाल ने बताया कि, इस मंदिर की नींव १०० साल पूर्व जडाउबाई खंडेलवाल ने रखी थी. उस समय केवल शिवजी एवं हनुमानजी, नागबाबा एवं भैरवबाबा का विग्रह था. मंदिर के विकास के लिए श्री शिवशंकर हनुमान मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की गयी. जिसके वर्तमान अध्यक्ष हरीश खंडेलवाल, सचिव सीताराम खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष कृष्णा खंडेलवाल है. इसी तरह स्व. हेमराज खंडेलवाल, स्व.बद्रीनारायण खंडेलवाल एवं शंकरलाल खंडेलवाल भी ट्रस्ट में शामिल हुए थे. सभी ने मिलकर मंदिर के विकास कार्य आरंभ किये थे. २७ जनवरी २००८ को सचिव सीताराम खंडेलवाल द्वारा उनके माता-पिता स्व.हेमराजस्व.कमलाबाई खंडेलवाल की स्मृति में संत गजानन महाराज मंदिर का निर्माण कराया. वर्तमान में मंदिर के अध्यक्ष हरीश खंडेलवाल, सचिव सीताराम खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष कृष्णकुमार खंडेलवाल हैं. मंदिर में प्रत्येक गुरुवार को सुबह अभिषेक होता है तथा ११ बजे महाप्रसाद वितरित किया जाता है. जिसका करीब २०० लोग लाभ लेते हैं. इसी तरह हनुमान जयंती, संत गजानन महाराज प्रकटदिन तथा सावन माह में मंदिर में भक्तों का मेला लगता है. शिवरात्रि के पर्व पर काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचकर भगवान शिव की आराधना करते हैं. रामदेवबाबा सत्संग मंडल के गोविंद फसाटे द्वारा दोपहर ४ से शाम ६ बजे तक भजन प्रस्तुत किये जाते हैं.

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