* श्रद्धालुओं में नाराजगी
अमरावती/ दि.19 – मध्य रेलवे के भुसावल विभाग की ओर से वारकरियों की डिमांड पर आषाढी एकादशी पर अमरावती-पंढरपुर स्पेशल ट्रेन बीते कुछ वर्षों से शुरु की गई है, लेकिन कोरोना प्रकोप के चलते लगातार दूसरे साल आषाढी पंढरपुर स्पेशल रेलवे नहीं दौडेगी. जिससे रेल प्रशासन को लाखों रुपयों का नुकसान सहन करना पड रहा है.
बता दे कि पंढरपुर यात्रा विठ्ठल भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है. जो भी वाहन मिले उस वाहन से वारकरी पंढरपुर जाते है और विठ्ठल भगवान का दर्शन कर लौटते है. नामदेव महाराज, ज्ञानेश्वर से लेकर अब तक 750 वर्षों से यह परंपरा चलती आ रही है. इससे पूर्व प्लेग की महामारी देश में आयी थी तब प्रशासन में जनजागृति नहीं थी. जिसके चलते वारी नियमित रुप से हो रही थी. हालांकि बीते डेढ वर्षों में कोरोना महामारी के चलते यात्राएं बंद है और मंदिरों के कपाट भी अभी तक बंद है. इस बार पंढरपुर में पालकियां रापनि बस से भेजी गई है. श्रद्धालुओं की भीड न हो इसका विशेष ख्याल भी रखा जा रहा है. इस बार भी यात्रा का आयोजन नहीं होगा और बसेस भी काफी कम छोडी गई है. इसी तरह रेल प्रशासन ने भी पंढरपुर विशेष ट्रेन रद्द करने का निर्णय लिया है. प्रति वर्ष आषाढी में अमरावती व पंढरपुर से प्रत्येक 4 ट्रेने छोडी जाती है. इनमें एसी, स्लीपर व सामान्य बोगी रहने वाले पंढरपुर स्पेशल ट्रेन रहती है. प्रत्येक ट्रेन की फेरी पर रेलवे को 2 लाख से अधिक आय प्राप्त होती है, लेकिन इस बार मध्य रेलवे भुसावल विभाग को लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है.
मध्य रेलवे विभाग को आर्थिक झटका
कोरोना के चलते इस बार भी पंढरपुर विशेष ट्रेन नहीं दौडेगी, यह स्पष्ट हो चुका है. प्रति वर्ष इस ट्रेन को वारकरियों का बेहतर प्रतिसाद मिलता है. 4 फेरियों के चलते रेलवे को काफी अधिक उत्पादन मिलता है. अमरावती-पंढरपुर विशेष रेल के अभाव से रेल प्रशासन को नुकसान होने की जानकारी रेल अधिकारी ने दी है.