घोडदेव डोंगरयावली परिसर में तेंदूए के आतंक से किसानों में दहशत
20 दिनों में तीन गोवंश का किया शिकार
* किसानों ने खेत के काम किए बंद
* वनविभाग के अधिकारियों की अनदेखी
मोर्शी/दि.28– मोर्शी तहसील के घोडदेव डोंगरयावली परिसर में पिछले 20 दिनों से तेंदूए का आतंक जारी है. इस माह में अब तक तेंदूए ने खेत में बंधी तीन गाय का शिकार किया है. तेंदूए की इस आतंक के कारण किसानों में दहशत व्याप्त है और उन्होंने खेत के कामकाज बंद कर दिए है. इसके बावजूद वन अधिकारी की अनदेखी के कारण नागरिकों सहित किसानों में तीव्र रोष व्याप्त है.
जानकारी के मुताबिक घोडदेव डोंगरयावली परिसर में तेंदूए ने 1 मई से आतंक मचाना शुरु किया है. इस तेंदूए ने विभिन्न इलाको की खेत से तीन गाय का शिकार किया है. 19 मई को उमेश व्यास के घोडदेव के खेत से बछडे का शिकार किया. एनसीपी के तहसील उपाध्यक्ष रुपेश वालके ने मोर्शी वनपरिक्षेत्र अधिकारी को इस बाबत जानकारी देने के बावजूद वनविभाग के दल ने कोई भी उपाययोजना नहीं की है. पश्चात 27 मई की रात अरुण यावले के खेत में तेंदूआ दिखाई दिया. तेंदूए ने गाय और बछडे पर हमला किया. इस हमले में वे गंभीर रुप से घायल हो गए. लेकिन ग्रामवासियों की सतर्कता के कारण दोनों मवेशियों की जान बच गई. इस घटना के बाद क्षेत्र के किसानों में दहशत का वातावरण है. परिसर के किसान, खेतिहर मजदूरो ने खेतो में जाना बंद कर दिया है. खेतो से पालतू पशुधन को भी किसानों ने अपने घर ला लिया है. ग्रामपंचायत सदस्य रुपेश वालके ने क्षेत्र में बढती दहशत को देखते हुए तेंदूए का बंदोबस्त करने अन्यथा आंदोलन छेडने की चेतावनी वनविभाग के अधिकारियों को दी है. साथ ही वनविभाग व महावितरण से मांग की है कि, तेंदूए की दहशत के कारण किसान खेतो में नहीं जा रहे है. लेकिन खेत के मोटरपंप, केबल सहित कृषि माल व अन्य साहित्य खेतो में ही रहने से शातिर चोर उसे चुरा सकते है. इस कारण वनविभाग तेंदूए का बंदोबस्त करे और महावितरण कंपनी घोडदेव डोंगरयावली व दापोली परिसर में किसानों के खेत की बंद रही सिंगल फेज लाईन तत्काल शुरु कर किसानों को राहत दे.