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* 1852 में बनी थी पहली पेपर बैग मशीन
अमरावती/दि.12- प्लास्टिक पन्नी, कैरी बैग के कारण पर्यावरण को हानि पहुंचने और प्रदूषण बढ़ने की समस्या रहती है. पन्नी का निपटारा नहीं होने से नालियां चोकअप होने की भी शिकायतें देखी गई है. ऐसे में पेपर से बनी बैग का उपयोग जागरुक नागरिकों ने शुरु कर रखा है. आज विश्व पेपर बैग दिन मनाया जाता है. 1852 में पहली पेपर बैग मशीन अमेरिका के संशोधक फ्रेंचबोले ने बनाई थी. मार्गारेट नाइट ने 1870 में चौकोन आकार, समतल पेपर बैग तैयार की थी.
आज मानवजाति ने बड़ी तरक्की कर ली है. किन्तु पर्यावरण की अनदेखी भी हुई है. प्लास्टिक के उपयोग से जल, जमीन और हवा का प्रदूषण बढ़ा है. जिसमें रोजमर्रा के इस्तेमाल की प्लास्टिक कैरीबैग की जिम्मेदारी अधिक है. प्लास्टिक के दुष्परिणाम से होने वाली जनजागृति के कारण पेपर बैग की मांग बढ़ी है. पेपर बैग के बारे में जनजागृति के लिए ही 12 जुलाई को पेपर बैग दिवस विश्वस्तर पर मनाया जाता है.
* कम पैसे में व्यवसाय
कागज से बनी थैलियों का व्यवसाय कम निवेश में आरंभ हो जाता है. इसमें ऊर्जा भी कम लगती है. गृह उद्योग के जरिए कागज की थैलियों का बड़ी मात्रा में निर्माण कर उसका उद्यम स्थापित करने की सलाह दी जाती है. जो उचित लगती है, क्योंकि पेपर बैग का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है. इससे पर्यावरण की रक्षा होने के साथ रोजगार भी पैदा होते हैं.
* आकर्षक होने से बढ़ी डिमांड
रंगबिरंगी कागज से बनी थैलियां आकर्षक लगती है. खरीदारी के लिए प्रायः महिलाएं आगे रहती है. उन्हें कागज की थैलियां आकर्षक लगती है. फलस्वरुप दुकानदार और शो रुम संचालक आकर्षक पेपर बैग पर अपने प्रतिष्ठान का नाम देकर उपयोग में ला रहे हैं.