बच्चों की परीक्षा का टेंशन अभिभावकों को
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अमरावती /दि. 28– इस समय कक्षा 10 वीं व 12 वीं की बोर्ड परीक्षाएं चल रही है. जिनका परीक्षा देनेवाले विद्यार्थियों को टेंशन है ही, साथ ही साथ विद्यार्थियों के अभिभावक भी इन दिनों अपने बच्चों की परीक्षा को लेकर अच्छे-खासे तनाव में दिखाई दे रहे है. ऐसे समय परीक्षा के वक्त अपने बच्चों की फिक्र करनेवाले अभिभावकों के लिए बेहद जरुरी है कि, वे अपने स्वास्थ की ओर भी विशेष ध्यान दें.
* अभिभावकों के लिए कौनसी सतर्कता जरुरी
– कई घरों में विद्यार्थियों की बजाए अभिभावक ही ज्यादा तनाव लेते है. जिसका बच्चों पर विपरित परिणाम पडता है, ऐसे में अभिभावकों ने खुद आनंदित रहने के साथ ही बच्चों को भी प्रसन्नचित्त रहने हेतु कहना चाहिए.
– पढाई में पीछे रहनेवाले और परीक्षा में कम मार्क हासिल करनेवाले बच्चे भी आगे चलकर अपने जीवन में काफी सफल हो सकते है और अपने करिअर को लेकर नई-नई राहे खोज सकते है. इसकी जानकारी विद्यार्थियों को होना बेहद जरुरी होता है.
– परीक्षा को लेकर बिना वजह तनाव लेते हुए बच्चों को परीक्षा का डर नहीं दिखाना चाहिए. साथ ही बच्चों पसंद-नापसंद की ओर ज्यादा ध्यान देकर उनकी आदतों को बदलने का प्रयास भी नहीं करना चाहिए. बल्कि बच्चों को थोडा समय गाने सुनने देना चाहिए और यदि उन्हें कोई छंद है तो उस समय बच्चों उनके शौक के साथ भी छोडना चाहिए. हालांकि यह सब करने के बाद बच्चा अपनी पढाई की ओर ध्यान केंद्रीत कर पाएगा. इसकी अभिभावकों ने फिक्र करनी चाहिए.
* परीक्षा को लेकर टेंशन क्यों?
– बच्चों की परीक्षा शुरु होते ही कई अभिभावक इस विषय को लेकर इतने अधिक गंभीर हो जाते है, मानों यह उनके ही जीवन-मरण का प्रश्न है.
– परीक्षा के दौरान कई घरों में वातावरण काफी तनावपूर्ण हो जाता है तथा परीक्षा के समय घर के टीवी व वाईफाई को भी बंद कर दिया जाता है. उस समय कई घरों में एक-दूसरे के साथ बातचीत तक बंद हो जाती है और केवल पढाई-लिखाई व परीक्षा से संबंधित बातचीत ही होती है.
– कई परिवारों में कुछ ऐसा माहौल बन जाता है मानों परीक्षा में मिलनेवाले अंको पर ही परीक्षा देनेवाले बच्चे का पूरा व्यक्तित्व और जीवन निर्भर करता है.
* बच्चों का टेंशन कम करना जरुरी
अभिभावकों ने परीक्षाकाल के दौरान खुद टेंशन लेने की बजाए बच्चों ेके स्वास्थ और मानसिकता के लिहाज से सजग व सतर्क रहते हुए उनकी फिक्र करनी चाहिए. ताकि परीक्षा के समय बच्चे खुद को रिलैक्स महसूस कर सके. साथ ही उनका आत्मविश्वास भी कम न हो.
* परीक्षाकाल के दौरान में घर में अति तनावपूर्ण व्यवहार रहने के चलते इसका बच्चों के स्वास्थ पर बेहद विपरित परिणाम होता है. ऐसे तनावपूर्ण वातावरण के चलते कई बच्चों में नींद व भूख नहीं लगने, सिर दर्द होने, चिडचिडापन बढ जाने व हाथ-पांव में कमजोरी महसूस होने की शिकायत पैदा होने लगती है. ऐसे में अभिभावकों ने परीक्षाकाल के दौरान घर में वातावरण बेहद आनंदित व प्रसन्नचित्त रखना चाहिए तथा बच्चों को परीक्षा का कोई तनाव न हो, इस बात के लिए तमाम आवश्यक प्रयास करने चाहिए.
– अमिता दुबे
सायकोथेरपिस्ट व क्लिनिकल सायकॉलॉजिस्ट