नाबालिग वाहनचालकोें के अभिभावकों पर लगेगा दंड
कम उम्र वाले बच्चों को वाहन चलाने देना पडेगा भारी
अमरावती/दि.4- मोटर वाहन कानून की धारा 180 में 18 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्ति व्दारा वाहन चलाने पर वाहन मालिक को 1 हजार रुपए के जुर्माने या कारावास अथवा दोनो सजा सुनाए जाने का प्रावधान हैं. इस कानून पर कडाई के साथ अमल करने के निर्देश यातायात पुलिस को प्राप्त हो चुके हैं. लेकिन शहर में ऐसी कार्रवाई का प्रमाण बेहद नगण्य हैं.
10 माह में 1500 रुपए दंड
शहर यातायात विभाग के दोनो कार्यालयों व्दारा नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ जारी वर्ष के दौरान जनवरी से अक्तूबर माह तक केवल तीन कार्रवाईयां की गई हैं. जिसमें मात्र 1500 रुपयों का दंड ही वसूल हुआ हैं. जबकि अमरावती शहर में रोजाना ही सैकडों-हजारों नाबालिग लडके व लडकियां दुपहिया वाहन लेकर फर्राटे भरते देखे जा सकते हैं. लेकिन इस ओर यातायात पुलिस व्दारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती.
अभिभावकों पर का प्रावधान
शहर के प्रमुख स्थानों विशेषत: महाविद्यालय परिसरों में 18 वर्ष से कम आयु वाले छात्र-छात्राओं व्दारा 50 सीसी से अधिक क्षमता वाले वाहन धडल्ले के साथ चलाए जाते है और इन बच्चों को उनके अभिभावकों व्दारा ही यह वाहन उपलब्ध करवाए जाते हैं. यह बात इससे पहले की गई कार्रवाईयों से साफ हो चुकी है, यदि कम आयु वाले किसी नाबालिग के हाथों वाहन चलाते समय कोई हादसा घटित होता है तो इसके लिए वाहन के मूल मालिक को जिम्मेदार माना जाता है. क्योंकि अधिकांश मामलों में महाविद्यालयीन छात्रों व्दारा चलाए जाने वाले वाहन उनके अभिभावकों यानी माता-पिता में से किसी एक के नाम पर रहते है अत: ऐसे मामलों में पूरी जिम्मेदारी उन नाबालिगों के मां बाप की होती हैं.
18 वर्ष की आयु से पहले वाहन बिल्कुल नहीं
16 से 18 वर्ष की आयु वाले व्यक्ति को 50 सीसी तक इंजीन क्षमता वाहन चलाने का लायसंस दिया जा सकता हैं. लेकिन इन दिनों इतनी कम क्षमता वाले वाहन ही तैयार नहीं हो रहे ऐसे में इन वाहनों का लायसंस निकालने का सवाल भी पैदा नहीं होता. वहीं इन दिनों कक्षा 9,10 के बाद से ही बच्चों को स्कूल, ट्यूशन व कोचिंग क्लास सहित कॉलेज के लिए काफी भागादौडी करनी पडती हैं. जो साइकिल से पूरा करना संभव नहीं होता, ऐसे में खुद अभिभावक ही अपने बच्चों को बाइक या मोपेड जैसे वाहन खरीदकर देते हैं.
18 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों व्दारा ज्यादा क्षमता वाले वाहन चलाने पर उनके अभिभावकों को इसके लिए दंड भरना पड सकता हैं. नाबालिगोें व्दारा दुपहिया वाहन चलाने के स्टाइल व स्पीड की वजह से अन्य वाहन चालकों के लिए खतरा पैदा हो सकता है अत: ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ नियमित रुप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए.
– विक्रम साली, पुलिस उपायुक्त अमरावती शहर