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खिलाडी छात्रा के अभिभावक का क्रीडा संकुल पर अनशन

शालेय क्रीडा स्पर्धा में कई खेल प्रकारों का समावेश नहीं किए जाने पर जतायी आपत्ति

अमरावती/दि.13 – शालेय क्रीडा स्पर्धा में कराटे, तायक्वांडो व किक बॉक्सिंग जैसे खेलों का समावेश नहीं किए जाने तथा जिला क्रीडा अधिकारी कार्यालय द्बारा कराटे का जिलास्तरीय आयोजन में समावेश नहीं किए जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए नरेंद्र विष्णुपंत पकडे नामक अभिभावक ने स्थानीय विभागीय क्रीडा संकुल के समक्ष आमरण अनशन करना शुरु कर दिया है. साथ ही उपरोक्त सभी क्रीडा प्रकारों को राज्यस्तरीय, विभागस्तरीय व जिलास्तरीय क्रीडा स्पर्धाओं में शामिल किए जाने की मांग की है.
इस संदर्भ में एक खिलाडी छात्रा के अभिभावक रहने वाले नरेंद्र पकडे का कहना रहा कि, प्रत्येक जिले में सभी क्रीडा प्रकारों के खिलाडी छात्र-छात्राए रहते है, जो अपने-अपने क्रीडा प्रकारों में समर्पित भाव से सक्रिय रहते है. परंतु एकविध क्रीडा संगठनों में विवाद रहने की वजह को आगे करते हुए प्रत्येक जिले को केवल कुछ चुनिंदा खेलों के आयोजन की जबाबदारी दी गई. जिसके चलते जिला क्रीडा अधिकारी कार्यालय द्बारा शालेय क्रीडा स्पर्धा की सूची में शामिल रहने वाले 93 क्रीडा प्रकारों में से केवल 3 या 4 खेलों की क्रीडा स्पर्धा आयोजित की जा रही है. जिससे शेष क्रीडा प्रकारों की प्रैक्टीस करते हुए स्पर्धा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को शालेय क्रीडा स्पर्धा में सहभागी होने से वंचित होना पडेगा. इसका परिणाम केवल विद्यार्थियों को मिलने वाले प्रोत्साहन अंकों पर ही नहीं, बल्कि उनके भविष्य पर भी पडेगा. क्योंकि स्पर्धा में मिलने वाला प्रमाणपत्र संबंधित विद्यार्थी के भविष्य हेतु प्रोत्साहन अंकों से कही अधिक महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में शालेय क्रीडा स्पर्धा को लेकर गलत नीतियों के चलते विद्यार्थियों का नुकसान हो सकता है. जिसके चलते महाराष्ट्र सरकार सहित राज्य के शालेय शिक्षा व क्रीडा विभाग द्बारा शालेय क्रीडा स्पर्धाओं के आयोजन को लेकर नये सिरे से नीति बनाई जानी चाहिए.
विभागीय क्रीडा संकुल के समक्ष अपना आमरण अनशन शुरु करने के साथ ही नरेंद्र पकडे ने विभागीय क्रीडा उपसंचालक विजयकुमार संतान को अपनी मांगों का ज्ञापन देने के साथ ही अपने द्बारा शुरु किए गए आमरण अनशन के बारे में भी जानकारी दी.

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