अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – सरकारी खेमे में रिश्वतखोरी का प्रमाण दिनबदिन बढते जा रहा है. इसमें भी निजी व्यक्ति की आड में रिश्वत लेने वालों की संख्या भी बढ गई है. इस वर्ष 23 सितंबर तक के आंकडों पर नजर डाले तो 555 मामलों में 770 लोगों पर कार्रवाई की गई हैं. इनमें श्रेणी 1 के 56, श्रेणी 2 के 79, श्रेणी 3 के 416 व श्रेणी 4 के 76 रिश्वतखोर अधिकारी, कर्मचारियों का समावेश है. वहीं 106 निजी व्यक्तियों के खिलाफ भी रिश्वतखोरी के अपराध दर्ज किये गये हैं. साल 2018 से सितंबर 2021 तक एसीबी ने 591 निजी लोगों के खिलाफ रिश्वतखोरी के अपराध दर्ज किये गये हैं.
राज्य में एसीबी के मुंबई, पुणे, नाशिक, नागपुर, अमरावती, औरंगाबाद, नांदेड, ठाणे के 8 परिक्षेत्र है. उनमें जनवरी से 23 सितंबर के दरमियान एसीबी ने 555 रिश्वतखोरों के खिलाफ जाल बिछाये. जिनके पास से कुल रिश्वतखोरी की 1 करोड 57 लाख 701 रुपए की रकम जब्त किये. इनमें से 106 निजी व्यक्तियों व्दारा तकरीबन 7 लाख 94 हजार 1 रुपये की रिश्वत लेने की बात भी एसीबी के पास दर्ज की गई है. रिश्वतखोरी में भी राजस्व विभाग पहले नंबर पर है. जबकि पुलिस विभाग दूसरे नंबर पर है. रिश्वत लेते समय पकडे न जाए इसलिए अधिकारियों व्दारा निजी व्यक्तियों की आड में रिश्वत लेने का नजारा देखने को मिला है. रिश्वत लेते समय पकडे जाने का डर अधिकारियों और कर्मचारियों को रहता है. इसलिए श्रेणी 1 व 2 के अधिकारी रिश्वत लेने के लिए आगे नहीं आते. रिश्वत के लिए वे एजंट, निजी व्यक्ति का उपयोग करते है. निजी व्यक्ति इन अधिकारियों के खासमखास होते है. वह व्यक्ति ही अधिकारियों की ओर से सभी समझौते करते है. इसके लिए अधिकारियों की ओर से उनको विशिष्ठ टक्केवारी निर्धारित कराकर दी जाती है. अधिकारी रिश्वत के मामले में सामने न आये इसका भी विशेष ध्यान निजी व्यक्ति व्दारा रखा जाता है, लेकिन हालिया आंकडों पर नजर डाले तो 591 निजी व्यक्तियों को एसीबी ने पकडा है.
वर्ष जाल कुल आरोपी निजी व्यक्ति
2018 891 1181 152
2019 866 1176 183
2020 630 0863 150
2021 555 770 106