अमरावतीमुख्य समाचार

हादसे के बाद सफर के लिए यात्री समृद्धि महामार्ग से लगे कतराने

निजी ट्रैवल्स अब पुराने महामार्ग से चलने लगी

* सिंदखेड राजा के पास हुआ था भीषण सडक हादसा
अमरावती/दि.15- कुछ दिन पूर्व बुलढाणा जिले के सिंदखेड राजा के पास समृद्धि महामार्ग पर हुई भीषण दुर्घटना में 25 यात्रियों की झुलसकर मौत हो गई थी. दिल दहला देने वाली इस भीषण सडक दुर्घटना के बाद समृद्धि महामार्ग से सफर करने के लिए यात्री कतराने लगे हैं. भयभीत यात्रियों ने पुणे का सफर पुराने महामार्ग से ही करना मुनासिफ समझा हैं. ट्रैवल्स संचालकों को भी अब यात्रियों की डिमांड को देखते हुए मजबूरन अपनी निजी बसेस पुराने मार्ग से ही चलानी पड रही है.
बुलढाणा जिले के सिंदखेड राजा के पास समृद्धि महामार्ग पर नागपुर से पुणे जा रही निजी ट्रैवल्स चालक को नींद की झपकी आने के बाद संतुलन बिगडने से गाडी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी और पलटी खाने के बाद इस बस को भीषण आग लग गई थी. इस घटना ने बस में सोए 25 यात्रियों की झुलसकर मृत्यु हो गई थी. इस भीषण सडक हादसे के बाद समृद्धि महामार्ग से निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों में एक तरह से दहशत निर्माण हो गई है. आए दिन इस महामार्ग पर सडक हादसों को देख अब सभी लोग भयभीत होने लगे है. इस कारण शिर्डी, पुणे जाने वाले नागरिकों ने पुराने महामार्ग से जानेवाली बसों में ही अपना सफर करना मुनासिफ समझा है. यात्रियों की डिमांड पर मजबूरन ट्रैवल्स संचालकों को भी समृद्धि महामार्ग से अपनी बसेस दौडाना बंद कर पुराने महामार्ग से शुरु करना पडा है. अमरावती से सडक हादसे के पूर्व पुणे के लिए चलनेवाली 15 से 16 निजी ट्रैवल्स अब समृद्धि महामार्ग से बडी मुश्किल से 2 अथवा 3 चल रही है. अन्य सभी बसेस अब अमरावती से कारंजा लाड-शेलूबाजार-मालेगांव-मेहकर-सिंदखेड राजा-जालना-औरंगाबाद से होकर पुणे पुराने महामार्ग से पहुंच रही है.
* समृद्धि से लगते थे 9 घंटे
समृद्धि महामार्ग का यातायात शुरु होने के बाद यात्री अमरावती से शिर्डी में 5 घंटे में और पुणे 9 घंटे में पहुंचने लगे हैं. लेकिन सिंदखेड राजा के सडक हादसे के बाद नागरिकों व्दारा पुराने महामार्ग से ही जाना पसंद किए जाने से अब निजी बसेस को 13 से 14 घंटे पुणे पहुंचने में लग रहा है. इससे ट्रैवल्स संचालकों का खर्च बढ गया है. यात्रियों की टिकट जो समृद्धि महामार्ग पर थी वही पुराने महामार्ग पर है.
* समृद्धि पर थे टोल ज्यादा
समृद्धि महामार्ग पर टोल टैक्स अधिक लगता था. लेकिन पुराने महामार्ग पर टोल नाके काफी कम है. इस कारण ट्रैवल्स संचालकों को घाटा नहीं होगा. यात्रियों को समृद्धि महामार्ग पर स्टॉपेज की सुविधा न रहने और बीच रास्ते में होटल, रेस्टारेंट की व्यवस्था न रहने से परेशानी होती है. ऐसे में सडक हादसे के बाद अब यात्री समृद्धि से जाने कतराने लगे हैं.
* दुकानें और डायवर्शन जरुरी
समृद्धि महामार्ग पर किसी तरह का मोड नहीं है. सिधा रहने से चालक को एक्सेलेटर पर पैर रखकर सिधे चलना पडता है. इस मार्ग पर 50 से 100 किमी की दूरी पर स्टॉपेज की सुविधा भी नहीं है और ना ही कोई चाय-नाश्ते की दुकान हैं. साथ ही कहीं भी डायवर्शन न रहने से यात्रियों को असुविधा होती है. रात के समय चालक एक्सेलेटर पर पैर रखकर सिधी सडकों पर दौडने वाली बसों को बडी मुश्किल से 2 से 3 घंटे लगातार चला सकता है. उसे बाद में चाय अथवा कुछ पल के लिए विश्राम की आवश्यकता रहती है. लेकिन समृद्धि महामार्ग पर ऐसी कोई सुविधा न रहने से हादसे हो रहे है. इसी कारण यात्री अब समृद्धि महामार्ग से सफर करने कतराने लगे हैं.
– मीराज खान,
अध्यक्ष निजी ट्रैवल्स एसोसिएशन, अमरावती

Related Articles

Back to top button