रापनि के पास यात्री बढ रहे, 110 बसों की किल्लत
यात्रियों को बस स्टैंड पर करनी पडती है बसों की प्रतीक्षा
* महिला यात्रियों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा
* बुजुर्ग यात्रियों की तादाद भी बढी, टिकट में छूट का असर
अमरावती/दि.8 – इन दिनों राज्य परिवहन निगत की स्थिति कुछ ऐसी है कि, रापनि बसों से यात्रा करने के लिए अच्छी खासी संख्या में यात्रि उपलब्ध है, बसों का परिचालन करने हेतु पर्याप्त संख्या में चालक व वाहक भी उपलब्ध है. लेकिन रापनि के अमरावती विभाग में 110 बसों की कमी है. जिसके चलते रापनि की यात्री ढुलाई का नियोजन गडबडा गया है. ऐसे में नागपुर व यवतमाल सहित जिलांतर्गत यात्रा करने की इच्छूक यात्रियों को बस स्थानक पर एक-एक घंटे तक बसों के आने व रवाना होने की राह देखनी पडती है.
उल्लेखनीय है कि, इस समय गर्मी की छूट्टी तथा बडी संख्या में शादी-ब्याह रहने के चलते यात्रा और भीड-भाड का सीजन चल रहा है. इसमें भी महिलाओं के लिए हाफ टिकट तथा बुजुर्गों के लिए हाफ टिकट सहित पूरी टिकट माफ जैसी छूट दिए जाने के चलते रापनि बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या बढ गई है. ऐसी स्थिति में नई बसें उपलब्ध करवाकर यात्रियों को बेहतरीन सुविधा देने के लिए एसटी महामंडल द्बारा प्रयास होना अपेक्षित है. लेकिन ऐसा कोई भी प्रयास वरिष्ठ कार्यालय से नहीं हो रहा. जिसके चलते पर्याप्त बसे और सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही और यात्रियों को नाहक ही तकलीफे सहन करनी पड रही है.
बता दें कि, जिले में रापनि के 8 आगार है तथा 2019 के दौरान जिले के इन आठों आगारों में 465 रापनि बसें थी. जिसमें से 74 बसों का आर्युमान खत्म होने के चलते इन बसों को निर्लेखित किया गया. ऐसे में आज रापनि के अमरावती विभाग के 358 बसें है. इसमें से अमूमन 30 से 40 बसें तकनीकी गडबडियों या मेंटेनन्स के चलते दुरुस्ती के लिए वर्क शॉप में खडी रहती है. ऐसे में यात्रि संख्या के लिहाज से बसों की कमी महसूस होती है और जितनी बसे उपलब्ध है, उनके जरिए ही फेरिया चलाई जाती है. लेकिन यात्रियों की बढती संख्या को देखते हुए फेरियों का परिचालन करने में रापनि प्रशासन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.
इससे पहले रापनि के अमरावती विभाग में यात्री संख्या 85 हजार के आसपास थी. जिसमें अब 45 से 50 हजार यात्रियों की वृद्धि हुई है तथा इन दिनों अमरावती विभाग में रापनि की बसों से रोजाना 1 लाख से अधिक यात्रियों द्बारा यात्रा की जाती है. जिससे रापनि को रोजाना 40 लाख रुपयों का राजस्व मिलता है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, यात्रियों की बढती संख्या को देखते हुए रापनि द्बारा बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नई बसें मुहय्या कराई जाए. परंतु जहां एक ओर पुरानी बसें कबाड होती जा रही है. वहीं दूसरी ओर नई बसों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा. हालांकि इससे पहले कहा गया था कि, जल्द ही 20 नई साधारण बसें उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही 104 इलेक्ट्रीक बसें भी आएंगी. लेकिन इसमें से आज तक एक भी बस महामंडल के पास उपलब्ध नहीं हुई और जो बसे यात्रियों की सेवा में उपलब्ध है. उनकी संख्या अपर्याप्त रहने के साथ ही उनकी स्थिति काफी पूरानी भी हो चुकी है. ऐसे मेें लंबी दूरी वाले गंतव्य के लिए बसे उपलब्ध नहीं हो पाती और यात्रियों को बस स्थानक पर ही प्रतीक्षा करनी पडती है. साथ ही कई बार तो एक ही बस में यात्रियों को खचाखच भरी भीड के बीच यात्रा करना पडता है. इन सभी बातों का विचार करते हुए रापनि प्रशासन ने अपने टाईम-टेबल को दुरुस्त करने हेतु प्रयास करना चाहिए. साथ ही यात्री संख्या के लिहाज से बसे उपलब्ध करानी चाहिए.
* महिला यात्रियों की संख्या बढी
राज्य परिवहन महामंडल ने रापनि बसों में महिलाओं को हाफ टिकट पर यात्रा करने की छूट दी है. इसके साथ ही 65 वर्ष से अधिक नागरिकों के लिए हाफ टिकट पर यात्रा करने की छूट है. वहीं 75 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्ग नागरिकों के लिए पूरा टिकट माफ है. यानि वे महाराष्ट्र में कहीं पर भी नि:शुल्क यात्रा कर सकते है. जिसके चलते इन संवर्गों के यात्रियों की संख्या रापनि बसों में लगातार बढ रही है. विशेष तौर पर महिला यात्रियों की संख्या बेहद उल्लेखनीय है. इस समय रापनि के अमरावती विभाग में रोजाना लगभग 45 हजार महिलाएं है. रापनि बसों के जरिए यात्रा करती है. ऐसे में रापनि बसों में भीडभाड लगातार बढती जा रही है और इसकी तुलना में रापनि बसों की संख्या कम रहने के चलते यात्रियों को बसों में खडे रहकर भी यात्रा करनी पडती है.
* जिले में रापनि की स्थिति
आगार – 8
बस संख्या – 358
मेंटनन्स वाली बसें – 30
रोजाना की यात्री संख्या – 1,05,000
महिला यात्री – 45 हजार से अधिक
दैनिक आय – 40 लाख
दैनिक फेरियां – 1,852
दैनिक यात्रा की दूरी – 1,10,000 किमी