भाईदूज के कारण यात्रियों की रेल्वे स्टेशन और एसटी डिपो पर बढ़ी भीड़
लालपरी की आये अच्छे दिन, एसटी महामंडल की आय भी बढ़ी
* पर्व मनाने घर लौटे विद्यार्थी और जॉब वर्कर वापस पुणे रवाना होने लगे
अमरावती/दि.28- पुणे, मुंबई जैसे महानगरों में पढ़ाई के लिये गये विद्यार्थी व जॉब वर्कर्स दिवाली पर्व मनाने हर वर्ष अपने घर लौटते हैं. भाईदूज मनाने के बाद वह वापस पढ़ाई और जॉब के लिए लौटने लगते हैं. निजी ट्रैवल्स व लक्झरी संचालकों द्वारा मनमाने तरीके से किराया वसूल किये जाने के कारण इस वर्ष एसटी महामंडल द्वारा बसेस की विशेष सुविधा की गई थी. इसका विद्यार्थी व जॉब वर्करों ने काफी लाभ उठाया. अब भाईदूज मनाने के बाद विद्यार्थी वापस पुणे लौटने लगे हैं. इस कारण रेल्वे स्टेशन और एसटी डिपो पर यात्रियों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है. यात्रियों की भीड़ बढ़ने से एसटी महामंडल की आय भी बढ़ गई है.
दिवाली पर्व निमित्त बाहर गांव जाने वालों की संख्या अचानक बढ़ जाती है. ऐसे में भाईदूज के कारण यह संख्या अधिक रहती है. ससुराल गई बहनें अपने भाई से मिलने भाईदूज पर मायके आती हैं. इस कारण यात्रियों की भीड़ दिवाली के बाद अधिक बढ़ जाती है. इसी तरह धनतेरस के पूर्व से अमरावती, बडनेरा रेल्वे स्टेशन पर भी यात्रियों की बेतहाशा भीड़ बढ़ी है. पुणे, मुंबई, नागपुर, नाशिक, गोंदिया के अलावा हावड़ा, रायपुर तथा मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल की तरफ जाने वाले यात्री अधिक दिखाई देने लगे हैं. एसटी महामंडल ने भी दिवाली की इन छुट्टियों में यात्रियों की सुविधा के लिये विशेष बस सेवा का नियोजन कर रखा है. इसका लाभ विद्यार्थी व नागरिक उठा रहे हैं. दिवाली के बाद 26 से 31 अक्तूबर तक पुणे के लिये 40 विशेष बसों का नियोजन एसटी महामंडल द्वारा किया गया है. आवश्यकता पड़ने पर एसटी बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ऐसा विभागीय नियंत्रण निलेश बेलसरे ने कहा है.
विभागीय नियंत्रक ने यह भी बताया कि जिले की 14 तहसीलों में भी एसटी बस की फेरियां बढ़ाई गई हैं. विशेषकर वरुड, परतवाड़ा, दर्यापुर, धामणगांव, अंजनगांव सुर्जी,चांदूर बाजार, मोर्शी आदि डिपो की बसेस की फेरियां भी बढ़ी है. इस कारण एसटी महामंडल की आय में वृद्धि हुई है.
5 से 6 लाख प्रतिदिन आय में वृद्धि
हर वर्ष दीपावली पर्व निमित्त छुट्टियों में एसटी महामंडल को प्रतिदिन 5 से 6 लाख आय में वृद्धि होती है. वैसे नियमित रुप से हर दिन 35 लाख रुपए के करीब एसटी महामंडल की आय रहती है. लेकिन दिवाली के दिनों में प्रतिदिन की आय 40 लाख रुपए से अधिक की हो जाती है.
– निलेश बेलसरे, विभागीय नियंत्रक, अमरावती