सरकारी अस्पताल में सलाईन से मरीज बीमार!
तिवसा/दि.04– गरीब एवं सर्वसामान्य नागरिको को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करनेवाले ग्रामीण क्षेत्र के उपजिला अस्पताल में दवाओं से मरीजों की तबियत सुधरने की बजाए और भी अधिक बिगडने का मामला गत रोज स्थानीय उपजिला अस्पताल में उजागर हुआ.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों टाईफाईड, डायरिया व पेट दर्द के मरीजो की संख्या अच्छी-खासी बढती दिखाई दे रही है. इन्हीं बीमारियों का लक्षण रहने के चलते आनंदवाडी निवासी दीपाली संदीप डहाट (29) तथा भांबोरा निवासी सुरेखा राहुल घोम (30) नामक दो महिलाओं को उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर डॉक्टरो ने उन्हें नार्मल सलाईन लगाई. परंतु सलाईन के जरिए शरीर में दवाई जाते ही दोनों महिलाओं को उलटी की तकलीफ शुरु होने के साथ ही असहनीय दर्द भी शुरु हो गया.
अधीक्षक का फोन ‘स्वीच ऑफ’
इस संदर्भ में तिवसा उपजिला अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. शिवाजी माने से संपर्क करने का प्रयास करने पर उनका फोन लगातार स्वीच ऑफ आ रहा था. ऐसे में सवाल उपस्थित होता है कि, यदि उपजिला अस्पताल में कोई गंभीर मामला घटित होता है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन रहेगा?
* उस सलाईन की बैच को किया बंद
दो महिला मरीजो को लगाई गई एनएस सलाईन की वजह से दोनों मरीजो को उलटियों की तकलिफ होने लगी. यह बात ध्यान में आते ही उस बैच की सलाईनो का प्रयोग करना बंद कर दिया गया, ऐसी जानकारी एक डॉक्टर द्वारा दी गई.
करोडो रुपयों की लागत से उपजिला अस्पताल स्थापित किया गया लेकिन यहां पर चिकित्सा एवंम् स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद कम है. अस्पताल में भर्ती होनेवाले मरीजो को खुद ही अपना ध्यान रखना पडता है.
– राहुल घोम, महिला मरीज का पति