अमरावती/दि.28- स्थानीय विभागीय संदर्भ सेवा रूग्णालय यानी सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में आज सुबह उस समय हडकंप मच गया, जब यहां पर टीबी के इलाज हेतु भरती कराये गये 50 वर्षीय मरीज ने चादर की रस्सी बनाते हुए फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली. अस्पताल की पहली मंजील पर स्थित खिडकी से बाहर की ओर लटकती लाश को देखकर पूरे अस्पताल परिसर में खलबली व्याप्त हो गई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक चांदूर बाजार तहसील अंतर्गत घाटलाडकी परिसर निवासी सुरेश बारकाजी माकोडे (50) नामक व्यक्ति टीबी की बीमारी से पीडित था. जिसका इससे पहले घाटलाडकी में ही इलाज चल रहा था और उसे अभी हाल-फिलहाल ही सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में रेफर किया गया. जहां पर उसे पहली मंजील पर स्थित वॉर्ड क्रमांक 1 में भरती रखा गया था. सुरेश माकोडे का पलंग अस्पताल की दीवार और खिडकी के पास ही लगा हुआ था. साथ ही वह खुद टीबी की बीमारी से पीडित रहने के चलते शरीर से काफी दुबला हो गया था. ऐसे में सबकी नजरें बचाते हुए सुरेश माकोडे ने ओढने हेतु मिली चादर का एक सिरा अस्पताल की खिडकी से बांधा और खिडकी की सलाखों के बीच से बाहर की ओर निकलकर दूसरे सिरे का फंदा अपने गले में डालकर नीचे की ओर छलांग लगा दी. जिसके चलते दम घुट जाने की वजह से उसकी मौत हो गई. आज सुबह जैसे ही अस्पताल की खिडकी से लटकते शव की ओर कुछ लोगों का ध्यान गया, वैसे ही पूरे अस्पताल परिसर में हडकंप व्याप्त हो गया. मामले की सूचना मिलते ही गाडगेनगर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. जिसके बाद घटनास्थल का पंचनामा करते हुए लाश को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया गया.
* परिजनों ने लगाया अस्पताल प्रबंधन पर आरोप
मृतक सुरेश माकोडे के परिजनों ने इस घटना को लेकर अपना संताप व्यक्त करते हुए सुपर स्पेशालीटी अस्पताल के प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया. जिसके तहत कहा गया कि, अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा सुरेश माकोडे का सही ढंग से इलाज नहीं किया जा रहा था. जिससे तंग आकर सुरेश माकोडे ने आत्महत्या कर ली. वही अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि, संभवत: सुरेश माकोडे बीमारी की वजह से खुद को हो रही तकलीफों से तंग आ चुका था. जिससे छूटकारा पाने हेतु उसने फांसी लगाकर अपनी जान दी. बहरहाल मामले की जांच गाडगेनगर पुलिस द्वारा की जा रही है.