डफरीन में गंदगी और असुविधा के कारण मरिज बेहाल
200 बेड की क्षमता, अस्पताल 215 मरिज भर्ती
* 45 करोड की नई इमारत का काम अभी भी अधूरा
अमरावती/दि.13– शहर के जिला महिला अस्पताल (डफरीन) में 45 करोड रुपए खर्च करने के बावजूद निर्मित की गई नई इमारत केवल शोभा की वास्तु बनकर खडी हैं. अभी भी पुरानी इमारत में ही कामकाज शुरु हैं. यहां आनेवाली महिला मरिजों को सफाई का अभाव, गंदगी का साम्राज्य सहित अनेक असुविधा का सामना करना पडता हैं. क्षमता से अधिक मरिज रहने से कुछ मरिजों को वार्ड में नीचे गादी डालकर सोना पडता हैं. जिससे मरिजो सहित रिश्तेदार परेशान हो गए हैं.
2016 में डफरीन की नई इमारत का निर्माण शुरु हुआ. इमारत का निर्माण कार्य 98 प्रतिशत पूर्ण हो गया हैं. अब केवल फर्निचर और कुछ तकनीकी काम के साथ बिजली कनेक्शन जोडना बाकी हैं. इसके लिए आवश्यक निधि को प्रशासकीय मंजूरी भी मिली हैं. लेकिन प्रत्यक्ष में निधि न मिलने से यह काम पूर्ण नहीं हो पाया हैं. इस कारण लोकनिर्माण विभाग ने अब तक यह इमारत जिला महिला अस्पताल प्रशासन को हस्तांतरित नहीं किए. वर्तमान में जिस इमारत में अस्पताल शुरु हैं वह इमारत काफी पुरानी हैं. यहां जगह-जगह गंदगी का साम्राज्य हैं. नाली भी लबालब रहने से चारो तरफ काफी बदबू फैली रहती हैं. साथ ही डफरीन परिसर में सुअरों की भी भरमार हैं. इस कारण मरिजों सहित उनके रिश्तेदारों को काफी परेशानी का सामना करना पडता हैं. इस अस्पताल में आनेवाले सभी नागरिकों और मरिजो को रुमाल मुंह पर रखकर ही जाना पडता हैं. सफाई का अभाव, गंदगी के साम्राज्य के साथ अस्पताल में उपचार की सुविधा भी न रहने से गंभीर मरिजो को नागपुर भेजना पडता हैं. लोकनिर्माण विभाग ने 8 वर्ष पूर्व इस इमारत का काम शुरु किया. लेकिन फिर भी कुछ काम अधूरे पडे हैं.
* नई इमारत में यह सुविधा
डफरीन की नई इमारत में कुल 400 बेड की सुविधा हैं. इसमें 10 बेड का आयसीयू विभाग, 57 बेड का एसएनसीयू विभाग हैं. वर्तमान में पुरानी इमारत में 27 बेड का एसएनसीयू विभाग रहने से गंभीर मरिजों को उपचार के लिए नागपुर भेजना पडता हैं.
* इमारत जल्द मिलनी चाहिए
मरीजो की बढती संख्या तथा मरीजो को उत्तम सुविधा मिलने के लिए हमें जल्द से जल्द नई इमारत का ताबा चाहिए. लेकिन अब तक लोकनिर्माण विभाग ने इमारत हस्तांतरित नहीं की है. इस कारण पुरानी इमारत में ही काम शुरु हैं.
– विनोद पवार, अधीक्षक, डफरीन.