चिखलदरा/दि.1 – शासन व्दारा दी जाने वाली नुकसान भरपाई पटवारी को पैसे नहीं दिए जाने पर पटवारी व्दारा रोक दी गई. 77 किसानों की रिपोर्ट आने के पश्चात भी किसानों को शासन के अनुदान से वंचित रखा गया. जिसकी शिकायत डोमा के आदिवासी किसानों ने क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल तथा तहसीदार से की. इन किसानों व्दारा इस आशय का निवेदन विधायक पटेल व तहसीलदार को सौंपकर संबंधित पटवारी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की भी मांग की गई.
निवेदन में कहा गया है कि शासन की योजना अंतर्गत जून से सिंतबर 2020 की नुकसान भरपाई की घोषणा की गई थी. जिसमें किसानों को 15 से 20 हजार रुपए नुकसान भरपाई हेतु किसानों व्दारा आवेदन किए गए थे. चुर्नी मंडल अंतर्गत डोमा के किसानों ने भी आवेदन किया था. किंतु संबंधित पटवारी को पैसा नहीं दिए जाने पर उक्त पटवारी ने नुकसान भरपाई योजना से इन किसानों को वंचित रखा ऐसा गंभीर आरोप निवेदन व्दारा लगाया गया. निवेदन सौंपते समय सरपंच सुनील उईके, राजु अखंडे, विनोद भलावी, रतन पिपरदे, राजू तोटे, नेहरु भलावी, हिरामन जामुनकर, रुपचंद बछले, विसु करोची, कैलाश बेठेकर उपस्थित थे.
77 किसान अनुदान से वंचित
शासन की ओर से दिए जाने वाले नुकसान भरपाई अनुदान से डोमा परिसर के 77 आदिवासी किसान वंचित रहे है. इन किसानों की नुकसान भरपाई की रिपोर्ट समय पर तहसील कार्यालय में प्रस्तुत न किए जाने की वजह से परिसर के 77 किसान अनुदान से वंचित रहे है. पटवारी व्दारा समय पर रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत किए जाने का आरोप लगाते हुए किसानो ने उक्त पटवारी के खिलाफ तहसीलदार तथा विधायक राजकुमार पटेल से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.
राजस्व विभाग का मनमाना कारभार
चिखलदरा तहसील कार्यालय स्थित राजस्व विभाग व्दारा अपनी मनमानी से कारभार चलाया जा रहा है. परिसर में बडे प्रमाण में अवैध रुप से गौण खनीज के मामले में चर्चित राजस्व विभाग व्दारा किसानों को उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है.