पवार ने राजनीति को जोडा समाजसेवा से
नितिन गडकरी के हस्ते प्रथम भाउसाहब देशमुख पुरस्कार प्रदान
* श्री शिवाजी शिक्षा संस्था का आयोजन
* 125वीं जयंती पर भव्य राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी भी
अमरावती/दि.27- देश के लोकप्रिय मंत्री नितिन गडकरी ने आज यहां कहा कि भाउसाहब पंजाबराव देशमुख ने कृषि और शिक्षा दोनों ही क्षेत्र में जोरदार कार्य किए. उनका ध्येय सभी का भला करना रहा. इस क्षेत्र के किसानों के साथ-साथ विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षा एवं उच्च शिक्षा का उजास भाउसाहब के कारण ही हो सका. गडकरी यहां शिवाजी कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. श्री शिवाजी शिक्षा संस्था ने संस्थापक भाउसाहब पंजाबराव देशमुख की 125वीं जयंती पर यह राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी का आयोजन कर पहले भाउसाहब देशमुख पुरस्कार रखा था. केंद्रीय मंत्री गडकरी के हस्ते देश के कृषि मंत्री रहे शरद पवार को भाउसाहब देशमुख पुरस्कार प्रदान किया गया. जिसमें प्रशस्ती पत्र, स्मृतिचिन्ह और नकद 5 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई. गडकरी ने कहा कि शरद पवार ने राजनीति को समाजसेवा से जोडा. ऐसा करने वाले पवार साहब बिरले नेता हैं.
मंच पर संस्था अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख, सांसद नवनीत राणा, विधायक सुलभा खोडके, अनिल देशमुख, किरण सरनाईक, प्रवीण पोटे पाटिल, संस्था के दिलीप बाबू इंगोले, गजानन पुंडकर, हेमंत कालमेघ, केशव मेटकर, डॉ. वी.जी. ठाकरे, डॉ. किशोर खुले, सुधीर भांगले, एड. जयंत पाटिल, प्रा. सुभाष बनसोड, डॉ. सी.डी. मायी, नरेशचंद्र ठाकरे आदि अनेक मान्यवर और शिवाजी संस्था के पदाधिकारी विराजमान थे.
* सभी का भला करने की सोच
गडकरी ने कहा कि भाउसाहब देशमुख का दृष्टिकोण सभी का हित साधने का रहा. इसीलिए दोनों ही कृषि तथा शिक्षा क्षेत्र में कार्य करते हुए उन्होंने कई बडे निर्णय व काम किए. जिससे आज विदर्भ के इस क्षेत्र के युवा लाभान्वित है. संस्था की शाला, कॉलेज में पढकर देश-विदेश में अपना और संस्था का नाम बढा रहे हैं. समाचार लिखे जाने तक गडकरी का संबोधन जारी था. प्रस्तावना अध्यक्ष भैयासाहब देशमुख ने रखी. शहर के कई गणमान्य सहित कृषि क्षेत्र के अनेक दिग्गज की उपस्थिति रही.
* पवार ने कहा धन्य हुआ, पुरस्कार राशि महिला किसान को दें
पुरस्कार प्राप्त करने उपरांत अपने संबोधन में वरिष्ठ नेता पवार ने कहा कि भाउसाहब की स्मृति का पहला अवार्ड प्राप्त होना भाग्य की बात है. आज मैं धन्य हो गया. उन्होंने पुरस्कार की राशि 5 लाख रुपए में 15 लाख रुपए मिलाकर 20 लाख संस्था को दिए और इसे किसे योग्य महिला किसान को देने का अनुरोध भी भरे कार्यक्रम में संस्था पदाधिकारियों से किया. पवार का कहना रहा कि 20 लाख की राशि से ही वह महिला किसान अपनी संतान की शिक्षा आदि की इच्छा पूर्ण कर सकेगी. यह कहते हुए वरिष्ठ नेता नेता ने अपनी मां का गौरवपूर्ण उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि किस प्रकार उनकी मां ने उन्हें पढाया-लिखया अच्छे संस्कार दिए. आज उन्हीं के परिश्रम तथा योगदान के कारण पवार परिवार के सदस्य उंचे पदों पर विराजमान है. समारोह का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ. आभार प्रदर्शन कोषाध्यक्ष दिलीपबाबू इंगोले ने किया.