अमरावती/दि.6 – चेहरे के सौंदर्य में साफ-सुथरे और चमचमाते दांतों क भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है और यदि दांतों की ओर सही तरीके से ध्यान न दिया जाए, तो दांतों व मुंह से संबंधित बीमारियां होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. छोटे बच्चों में तो दांत सडने व दांतों में कीडा लगना की समस्यां बेहद आम होती है. परंंतु इन दिनों तंबाख्ाु व गुटखा सेवन की वजह से दांत सडने की समस्यां काफी अधिक बढ गई है. जिसके चलते कई लोगों को युवावस्था में ही अपने दांत निकलवाने पड रहे है.
दंत चिकित्सालय के मुताबिक जिस तरह हम अपने शरीर के अन्य अंगों व अवयवों की ओर ध्यान देते है, उसी तरह दांतों की ओर भी ध्यान देना चाहिए. अन्यथा गलत आदतों के चलते दांतों को निकालने की नौबत आ सकती है. इन दिनों युवाओं में बडे पैमाने पर तंबाखु व गुटखा के सेवन की आदत बढ रही है. ऐसे में इन दिनों युवाओं में दांत की समस्याएं काफी अधिक देखी जा रही है.
प्रति माह 15 फीसद मरीजों के निकाले जाते है दांत
स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल के दंत विभाग में प्रति माह करीब 500 मरीज अपने दांतों की जांच व इलाज के लिए आते है. जिसमें से 60 से 70 फीसद मरीज युवा होते है. जिन्हें तंबाखु व गुटखा की आदतों के चलते दांतों की तकलिफ होती है. इसमें से कुछ मरीजों को तो कर्करोग होेने की भी संभावना रहती है.
तो दांत निकालना पडता है
दाढ अथवा दांत में कीडे लग जाने या उसके सड जाने पर दांत को निकालना ही पडता है. यह प्रक्रिया शल्यक्रिया के जरिए की जाती है. इसके तहत कई बार सडे हुए दांत का संक्रमण अन्य दांतों पर पहुंचने पर एक से अधिक दांतों को निकालना पडता है.
99 फीसद दांतों पर समय रहते इलाज
दांतों से संबंधित समस्याएं गलत आदतों के लिए पैदा होती है. परंतु यदि समय रहते इस ओर ध्यान दिया जाये और किसी दंत चिकित्सक से सलाह लेकर इसका इलाज किया जाए, तो 99 फीसद मामलों में यह समस्यां दूर हो सकती है.
तंबाखु का सेवन करना टाले
जिला सामान्य अस्पताल के दंत चिकित्सक विभाग मेें प्रति माह 400 से 500 मरीज दांतों की समस्यां की वजह से आते है. इसमें से अधिकांश युवाओं को तंबाखु व गुटखा की आदत के चलते दांतों की तकलिफ होती है. जिसमें से कई मरीजों को त्वचारोग होने की भी संभावना होती है. ऐसे में युवाओं ने तंबाखु व गुटखे का सेवन करना टालना चाहिए.
– डॉ. अभिजीत वानखडे, दंत चिकित्सक इर्विन अस्पताल.