समय पर अदा करें विद्युत बिल, बैंक से भी अधिक लगता है ब्याज दर
विद्युत उपभोक्ताओं से करोडों रूपयों के बकाये की वसूली है बाकी
* बकाया वसूली के महावितरण ने छेड रखा है अभियान
अमरावती/दि.11– कोविड संक्रमण काल में कई ग्राहकों के विद्युत बिल बकाया हो गये. जिसकी वसूली करने हेतु महावितरण द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. विद्युत बिलों के बडे पैमाने पर बकाया रहने से जहां एक ओर महावितरण को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड रहा है, वहीं दूसरी ओर विद्युत बिल बकाया रखने के चलते खुद विद्युत उपभोक्ताओं को भी काफी नुकसान का सामना करना पड रहा है. क्योंकि बकाया जितना अधिक पुराना होगा, उतनी ही अधिक ब्याजदर ग्राहक पर लादी जायेगी और यह ब्याजदर बैंकों द्वारा कर्ज पर लगाई जानेवाली ब्याजदरों की तुलना में काफी अधिक होती है, ऐसे में विद्युत बिलों का समय पर भुगतान करना ही सबसे सही काम है, क्योेंकि विद्युत बिलों को बकाया रखने पर बेवजह ही आर्थिक भुर्दंड का सामना करना पड सकता है.
बता दें कि, महावितरण द्वारा अपने बकायेदारों से तीन अलग-अलग स्तर पर ब्याजदर वसूल की जाती है. जिसके तहत जितना अधिक विलंब विद्युत बिल भरने में होता है, संबंधित ग्राहक से उतना ही अधिक ब्याज वसूला जाता है. वहीं समय पर विद्युत बिल का भुगतान करनेवाले ग्राहकों को थोडी छूट व सहूलियत भी दी जाती है.
* कितने दिनों के लिए कितनी ब्याजदर
कालावधि ब्याज दर
60 से 90 दिन 12 प्रतिशत
180 दिन 15 प्रतिशत
180 से अधिक दिन 18 प्रतिशत
* मूल बकाया राशि पर लगता है ब्याज
– विद्युत बिल जारी होने के बाद दस दिन के भीतर देयक की राशि अदा करने पर विद्युत ग्राहक को देयक में एक फीसद की छूट मिलती है.
– ग्राहक द्वारा विद्युत देयक को बकाया रखने पर उसके विद्युत प्रयोग की मूल थकबाकी पर तीन स्तरों पर ब्याज लगाया जाता है. जिसके लिए विद्युत बिल बकाया रहने की कालावधि का आधार लिया जाता है.
बता दें कि, बैंक द्वारा कर्ज पर छह से सात फीसद न्यूनतम ब्याज वसूला जाता है. वहीं महावितरण द्वारा अपनी बकाया राशि पर 12 से 18 फीसद तक ब्याज वसूल किया जाता है.
* जिले में बकाये के आंकडे
श्रेणी ग्राहक संख्या बकाया राशि
घरेलू 2,06,330 36.27 लाख
व्यवसायिक 13,841 6.20 लाख
औद्योगिक 3,395 8.67 लाख
यदि विद्युत ग्राहकों द्वारा अपने विद्युत बिलों का भुगतान तय समय पर किया जाता है, तो उन्हें विद्युत बिल में थोडी छूट मिलती है. वहीं महावितरण को भी अपने ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई करने की कोई जरूरत नहीं पडती. वहीं यदि विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिलों को लंबे समय तक बकाया रखा जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही उनसे बकाया बिल पर विलंब शुल्क वसूला जाता है. जिसे आम तौर पर ब्याज माना जाता है. इससे बचने के लिए सभी विद्युत उपभोक्ताओं को चाहिए कि, वे अपने विद्युत बिलों का भुगतान तय समय पर करे.