अमरावती/दि.1 – ग्राहकों व्दारा इस्तेमाल की गई बिजली बिल का भुगतान महावितरण का मुख्य आय स्त्रोत है. वहीं नियमित नहीं मिलने पर महावितरण का अस्तित्व खरते में आ गया है. वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखकर बिजली बिल का भुगतान करने में आनाकानी न करे, मोबाइल तथा केबल नेटवर्क जैसी सेवाओं का भुगतान नियमित रुप से करते, वैसे ही महावितरण के बिजली बिल का भी नियमित रुप से भुगतान करने की अपील महावितरण की ओर से उपभोक्ताओं से की गई है.
बता दें कि कोरोना महामारी के दौर में सभी विभाग के कामकाज ठप्प हो गए थे, मगर महावितरण के कर्मचारी अपने जान की परवाह न करते हुए रातदिन लगातार सेवा देने में जुटे रहे. बिजली आपूर्ति सुचारु रखी गई. जिससे मेडिकल क्षेत्र हो अथवा सभी सरकारी विभागों को काम करने में दिक्कत नहीं हुई. सामान्य नागरिक भी इस दरमियान वर्क फ्राम होम के माध्यम से अपने कामकाज पूर्ण किये वह केवल महावितरण की बदौलत. लेकिन बिजली बिलों का बकाया बढने से महावितरण को आर्थिक तंगी से जुझना पड रहा है. ऊर्जामंत्री नितीन राउत तथा महावितरण के अध्यक्ष तथा प्रबंधक संचालक विजय सिंगल महावितरण को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए प्रायारत है.
महावितरण का अस्तित्व बनाये रखने के उद्देश्य से महावितरण कर्मचारियों व्दारा बिजली बिल वसूली की रफ्तार बढाकर भागदौड शुरु कर दी है. फिर भी बकाया बिजली बिल जैसे थे ही है. लेकिन ग्राहकों की मांग है कि बिजली बिल में सहुलियत देनी चाहिए. आर्थिक दृष्टि से संकट में फंसा महावितरण ग्राहकों की अपेक्षा पूर्ण नहीं कर सकता. हाल की घडी में बकाया राशि लगातार बढ रही है. 73 हजार करोड से आगे आंकडा पहुंच चुका है. एक ओर बिजली बिलों की बकाया राशि बढते जा रही है. वहीं दूसरी ओर महावितरण का रोजाना का खर्च भी बरकरार है. इसीलिए महावितरण को कर्ज निकालकर सभी कामकाज चलाने पड रहे है.