ऑनलाइन दंड भरो, अन्यथा होगी जेल
अमरावती/दि.10– यातायात के नियम तोडने वाले वाहन धारकों को ई-चालान के स्वरुप में दंड लगाया जाता है. आज के डिजीटल युग में ट्रैफिक चालान भी ई-चालान के रुप में मोबाइल पर पहुंच जाता है. कुछ समय पहले यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के हाथ में चालान की प्रत्यक्ष प्रतिलिपी उपलब्ध हुआ करती थी. परंतु अब नई प्रणाली के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक प्रतिलिपी ऑनलाइन भेजी जाती है. परंतु कई बार वाहन धारकों द्बारा इसकी अनदेखी की जाती है और दंड की रकम अदा नहीं की जाती. जिसके चलते वाहन चालकों के खिलाफ मुकदमा दायर किया जाता है. ऐसे मामलों में कई बार दंड बकाया रखने वाले और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों को अदालत द्बारा जेल भेज दिया जाता है.
* 6 करोड का दंड बकाया
जिला ग्रामीण यातायात पुलिस ने 8 माह में 7.10 करोड रुपए का दंड यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर लगाया है. जिसमें से अब भी 5 करोड 92 लाख 62 हजार 300 रुपए बकाया है.
* कई लोगों पर अदालत में मामले दर्ज
ई-चालान का दंड नहीं भरने वाले वाहन चालकों को नोटीस भेजी गई. जिसकी अनदेखी करने वाले वाहन धारकों के खिलाफ अदालत में मुकदमें दर्ज कराए गए और कई लोगों के खिलाफ अब भी मामले चल रहे है.
* वेबसाइट पर भर सकते है दंड
यातायात पुलिस विभाग द्बारा जारी किए गए ई-चालान के दंड की राशि को घर बैठे ऑनलाइन तरीके से भरा जा सकता है. साथ ही घर बैठे इस बात की भी जांच पडताल की जा सकती है कि, कहीं अपने वाहन पर कोई ई-चालान तो नहीं जारी हुआ है. जिसके लिए ई-चालान डॉट परिवहन डॉट जीओवी डॉट इन वेबसाइट पर जाकर चेक चालान स्टेटस नामक बटनपर क्लीक करें और वहां पर वाहन क्रमांक व ड्रायविंग लाईसेंस क्रमांक दर्ज करने पर ई-चालान का ब्यौरा दिखाई देता है. ऐसे में वाहन पर रहने वाले चालान को देखकर तुरंत ही दंड की राशी अदा की जानी चाहिए.
* 1,17,51,750 रुपए 8 माह में वसूल
ग्रामीण यातायात शाखा ने जनवरी से अगस्त माह के दौरान 46 हजार 930 वाहन चालकों से करीब 1 करोड 17 लाख 51 हजार 750 रुपए का दंड वसूल किया है. वहीं 96 हजार 134 वाहन चालकों की ओर 5.92 लाख रुपए के दंड की रकम बकाया है. इन 8 माह के दौरान कुल 7.10 करोड रुपयों का दंड हुआ है.
* अनपेड चालान की रकम 6 करोड के आसपास है. इसके संदर्भ में संबंधित वाहन धारकों के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया जाएगा.
– गोपाल उंबरकर,
पुलिस निरीक्षक,
ग्रामीण यातायात शाखा