* 6 नवंबर से शुरू होगी पढाई
* अमरावती मेडिकल कॉलेज में राज्य के विद्यार्थियों हेतु 4 स्थान अधिक
अमरावती/ दि.19– शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में अखिल भारतीय कोटे से अब तक 11 विद्यार्थियों की एडमिशन हो गई है. सीकर राजस्थान की पायल सैनी जीएमसी की पहली छात्रा बनी है. उनका अधिष्ठाता डॉ. किशोर इंगोले, उप अधिष्ठाता डॉ. नितिन अंभोरे और स्टॉफ ने दाखले का प्रमाणपत्र देकर स्वागत किया. अमरावती जीएमसी की पढाई दिवाली पश्चात 6 नवंबर से शुरू होने की जानकारी डीन डॉ. इंगोले ने दी. उन्होंने बताया कि एआईआर 121000 वाले विद्यार्थियों को एमबीबीएस के प्रवेश के तीसरे राउंड में अमरावती जीएमसी में दाखिला दिया गया. 15 सीट का कोटा रखा गया था. 11 के प्रवेश सुनिश्चित हो गये हैं.
* महाराष्ट्र की कल से प्रक्रिया
महाराष्ट्र के नीट उत्तीर्ण विद्यार्थियों हेतु अगले चरण में कल से प्रवेश प्रक्रिया चलेगी. सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के लिए 4 सीट का कोटा बढ गया है. यह राज्य के विद्यार्थियों का लाभ है. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में एक साथ 8 नये जीएमसी इसी सत्र से शुरू हुए हैं. प्रत्येक की प्रवेश क्षमता 100 स्थान हैं. जिससे राज्य में एमबीबीएस की 800 सीटें बढ गई है. पडोसी वाशिम और बुलढाणा जिले में भी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कार्यरत हुआ है. जीएमसी के लिए अध्यापकों का मनोनयन किया गया है.
* 6 नवंबर से अध्यापन सत्र
जीएमसी सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र कोटे की एडमिशन प्रक्रिया 24 अक्तूबर तक चलेगी. उपरांत 10 दिनों की दिवाली की छुट्टियां रहेगी. अवकाश पश्चात 5 नंवबर को छात्र-छात्राएं पढाई के लिए आयेंगे. उस दिन स्थानीय छात्रावास में सेटल होंगे. जीएमसी में पढाई का सत्र 6 नवंबर से शुरू होने की संभावना सूत्रों ने अमरावती मंडल से बातचीत में व्यक्त की. उन्होंने बताया कि जीएमसी के कारण अमरावती की इकोनॉमी को प्रोत्साहन मिलेगा.
* महत प्रयासों से साकार
उल्लेखनीय है कि किरण पातुरकर के सर्वप्रथम आवाज उठाने के बाद अमरावती में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय राज्य शासन ने पिछले वर्ष के अर्थसंकल्प में स्वीकृत किया. उपरांत जीएमसी के लिए इर्विन और डफरीन के साथ सुपर स्पेशालिटी को भी मेडिकल कॉलेज से संलग्न किया गया. जिला स्त्री अस्पताल डफरीन परिसर में जीएमसी साकार हुआ है. वहां इमारत और साजोसामान आनन-फानन में उपलब्ध किए गये. राष्ट्रीय आयोग ने शर्तो के साथ 100 एमबीबीएस प्रवेश को मान्यता दी हैं. जिससे इसी सत्र से एमबीबीएस की प्रथम वर्ष की प्रत्यक्ष पढाई प्रारंभ हो रही है.