अमरावती

सिकलसेल पीड़ित महिला को पीडीएमसी ने दिया जीवनदान

तीन सरकारी अस्पतालों ने अन्यत्र ले जाने की दी थी सलाह

* प्रसूता व शिशु दोनों सकुशल
अचलपुर/दि.14- सिकलसेल पीड़ित गर्भवती महिला की तबीयत अचानक गंभीर होने पर उसे तीन सरकारी अस्पतालों ने अन्यत्र ले जाने की सलाह दी थी. लेकिन ऐसे कठिन समय पर अमरावती के डॉ. पंजाबराव देेशमुख वैद्यकीय अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी प्रसूति करवाई. अब प्रसूता व उसका शिशु दोनों सकुशल हैं.
महिला व शिशु को जीवनदान देने वाले मोथा उपकेंद्र की वैद्यकीय अधिकारी डॉ. नीता नागले की मेहनत व जिला शल्य चिकित्सक डॉ. नरवणे की मरीजों के प्रति आस्था के कारण उन दोनों का अभिनंदन किया जा रहा है.
मेलघाट के चिखलदरा तहसील के सलोना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत मोथा उपकेंद्र के तहत आलाडोह निवासी निर्मला भाकरे सिकलसेल से पीड़ित थी. ऐसे में वह गर्भवती थी. इसलिए डॉक्टर समय-समय पर उन्हें दवा व इलाज करते रहे. साथ ही तज्ञ चिकित्सकों से उसकी जांच भी करवाई. अचानक निर्मला भाकरे की तबीयत बिगड़ गई. जिस पर डॉ. नागले ने उसे परतवाड़ा के स्त्री रोग चिकित्सक के पास भर्ती कराया. लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ने से मरीज को अमरावती ले जाने की सलाह दी गई.
सलोना स्वास्थ्य केंद्र के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. आदित्य पाटिल के मार्गदर्शन में निर्मला भाकरे को तत्काल अचलपुर के उपजिला अस्पताल में भर्ती किया गया. वहां के डॉक्टरों ने उसे अमरावती ले जाने की सलाह दी. जिसके चलते उसे अमरावती के इर्विन अस्पताल व बाद में डफरीन में भर्ती किया गया. लेकिन वहां के डॉक्टर ने भी महिला को नागपुर ले जाने की सलाह दी. उस महिला का पति उसे नागपुर ले जाने के लिए तैयार नहीं था. आखिर जिला शल्य चिकित्सक ने इलाज का संपूर्ण खर्च देेने की तैयारी दर्शाने के बाद उसे पीडीएमसी में भर्ती किया गया. पीडीएमसी के डॉक्टरों ने अपना पूरा कौशल दिखाकर उस सिकलसेल गर्भवती माता को जीवनदान दिया और उसकी प्रसूति की. जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की हालत अच्छी है.

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