अमरावती

एनएबीएल की शर्तों के मकडजाल में उलझी पीडीएमसी की कोविड टेस्ट लैब

पांच माह से अटका पडा है कोविड टेस्ट लैब का मामला

प्रतिनिधि/दि.28
अमरावती -अमरावती में कोरोना का संक्रमण फैलने के शुरूआती दौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की जल्द से जल्द शिनाख्त हेतु अमरावती में एक साथ दो कोविड टेस्ट लैब शुरू करने के संदर्भ में प्रयास शुरू किये गये थे. इसके तहत स्थानीय संगाबा अमरावती विवि सहित डॉ. पंजाबराव देशमुख स्मृति मेडिकल कालेज व अस्पताल (पीडीएमसी) में एक-एक कोविड टेस्ट लैब शुरू करने हेतु संबंधित महकमों के समक्ष आवेदन पेश किये गये थे, लेकिन इसके पांच माह बाद भी अमरावती के पीडीएमसी में कोविड टेस्ट लैब अपना काम शुरू नहीं कर सकी है, क्योंकि निजी मेडिकल संस्थान में कोविड टेस्ट लैब शुरू करने हेतु आवश्यक एनएबीएल (नैशनल एक्रिडीटेशन बोर्ड फॉर लेबोरेटरीज) की ओर से पीडीएमसी की कोविड टेस्ट लैब को अब तक हरी झंडी नहीं दिखाई गयी है. उल्टे पता चला है कि, एनएबीएल द्वारा पीडीएमसी को अपने समक्ष नये सिरे से मान्यता मिलने हेतु प्रस्ताव पेश करने कहा गया है. जिसकी वजह से मंगलवार 28 जुलाई को ही पीडीएमसी द्वारा एनएबीएल को मंजूरी मिलने हेतु एक नया व फ्रेश एप्लीकेशन भेजा गया है. ऐसे में अब पीडीएमसी की कोविड टेस्ट लैब मान्यता मिलने में और कितना वक्त लगेगा, यह फिलहाल अनिश्चित है.
बता दें कि, पीडीएमसी में कोविड टेस्ट लैब शुरू करने के लिए 8 अप्रैल से आवेदन सहित अन्य प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसी बीच विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब को आयसीएमआर की ओर से अंतिम अनुमति प्राप्त हो गयी और विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब में कोरोना संदेहितों मरीजों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों के जांच का काम भी शुरू हो गया. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, सरकारी कोविड टेस्ट लैब शुरू करने हेतु केवल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आयसीएमआर) द्वारा अंतिम अनुमति दी जाती है. किंतु किसी निजी चिकित्सा संस्थान में कोविड टेस्ट लैब शुरू करने के लिए आयसीएमआर के साथ ही एनएबीएल की अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होता है और यहीं पर पीडीएमसी की कोविड टेस्ट लैब का मामला अटक गया. जानकारी के मुताबिक आवेदन प्रक्रिया के शुरूआती चरण में पीडीएमसी की लैब द्वारा कोरोना के कंट्रोल्ड सैम्पलों की टेस्ट कर उसकी रिपोर्ट एम्स व आयसीएमआर को भेजी गयी, जो एम्स की रिपोर्ट के साथ मैच भी कर गयी. इसके पश्चात एनएबीएल के पास अंतिम मंजूरी हेतु आवेदन किया गया और एनबीएल द्वारा विगत माह ही पीडीएमसी की लैब का ऑनलाईन मुआयना भी किया गया. इसी दौरान जून माह में खबर मिली थी कि, एनएबीएल व आयसीएमआर के बीच आपसी समन्वय का अभाव रहने के चलते पीडीएमसी सहित अन्य कई निजी कोविड प्रयोगशालाओं का मामला अटका पडा है. वहीं जून माह में एनएबीएल द्वारा पीडीएमसी को सूचित किया गया कि, पीडीएमसी की लैब में कोरोना के अलावा किसी अन्य संक्रामक वायरस की जांच कर इसकी रिपोर्ट एनएबीएल को भेज दी जाये. पश्चात पीडीएमसी ने राज्य सहित देश की कई प्रयोगशालाओं से संपर्क कर किसी नॉन कोविड वायरस के कंट्रोल्ड सैम्पल की खोजबीन शुरू की और पुणे स्थित नैशनल इन्स्टिटयूट ऑफ वायरालॉजी ने डेंग्यू का कंट्रोल्ड सैम्पल प्राप्त किया गया. जिसकी जांच करते हुए उसकी रिपोर्ट भी आयसीएमआर व एनएबीएल को भेजी गयी. इस पूरी प्रक्रिया के बाद उम्मीद की जा रही थी कि अब एनएबीएल द्वारा पीडीएमसी की कोविड टेस्ट लैब को मान्यता प्रदान कर दी जायेगी. किंतु हुआ इसके ठीक विपरित. एनएबीएल ने गत रोज ही पीडीएमसी को पत्र भेजकर सूचित किया कि, उन्हें अपने मेडिकल कालेज व अस्पताल में निजी कोविड टेस्ट लैब शुरू करने के लिए एनएबीएल के पास नये सिरे से आवेदन करना होगा और इस लैब को लेकर पीडीएमसी व एनएबीएल के बीच अब तक जितनी प्रक्रिया हुई है, उसे कालबाह्य (टाईम बार्ड) हो जाने के चलते खारिज किया जाता है. ऐसे में पीडीएमसी द्वारा मंगलवार 28 जुलाई को एक बार फिर एनएबीएल के पास अपनी कोविड टेस्ट लैब को मान्यता मिलने के संदर्भ में आवेदन किया गया है.

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पद्माकर सोमवंशी
इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर पीडीएमसी के डीन डॉ. पद्माकर सोमवंशी ने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि, कोरोना संक्रमण के शुरूआती दौर में ही पीडीएमसी ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए अपने यहां पर कोविड टेस्ट लैब स्थापित करने के प्रयास शुरू किये थे, ताकि संक्रमण काल के दौरान अधिक से अधिक लोगों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच जल्द से जल्द व तेज गति से हो सके और कोरोना संक्रमित पाये जानेवाले मरीजों का तुरंत ही इलाज शुरू किया जा सके. इस हेतु एम्स, आयसीएमआर व एनएबीएल की तमाम शर्तों को भी पूरा किया गया, लेकिन इसके बावजूद एनएबीएल द्वारा अलग-अलग समय पर अलग-अलग शर्तें व नियम आगे किये जाते रहे और हमारी कोविड टेस्ट लैब का मामला अब तक अटका पडा है. वहीं दूसरी ओर हमारे साथ ही आवेदन करनेवाले सावंगी मेघे अस्पताल की कोविड टेस्ट को लैब एनएबीएल ने अनुमति प्रदान की है. इसके अलावा बुलडाणा में सरकार एवं जनसहभागिता के चलते स्थापित की गई कोविड टेस्ट लैब को भी तुरंत ही मान्यता मिली. ऐसे में यह समझ से परे है कि, पीडीएमसी की कोविड टेस्ट लैब के लिए ही इतना अधिक विलंब क्यों लगाया जा रहा है. इस विषय को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य मंत्रालय व एनएबीएल से संपर्क करना चाहिए.

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नवनीत राणा

पीडीएमसी के प्रयास पूरे, पर स्वास्थ्य महकमा नहीं दे रहा साथ
इस संदर्भ में प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर जिले की सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, पीडीएमसी प्रबंधन द्वारा अपनी ओर से कोविड टेस्ट लैब के लिए तमाम प्रयास किये जा रहे है और सभी मानकों व शर्तों को पूरा किया जा रहा है. वहीं दिल्ली में वे (नवनीत) खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सहित अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार आवश्यक फालोअप ले रहीं है, लेकिन इन सबके बीच महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिस तरह से संपर्क व समन्वय की भूमिका निभायी जानी चाहिए, वह नहीं निभायी जा रही. सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, इस समय अमरावती सहित समूचे राज्य में कोरोना संक्रमितों की रफ्तार बडी तेजी के साथ बढ रही है. ऐसे में यदि किसी कोविड टेस्ट लैब को केवल अनुमति प्राप्त करने के लिए ही चार-पांच माह का समय लगता है तो इसे समस्या की ओर अक्षम्य लापरवाही व अनदेखी कहा जा सकता है. सांसद राणा के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य महकमे ने तुरंत इस मामले में ध्यान देना चाहिए और पीडीएमसी को जल्द से जल्द कोविड टेस्ट लैब शुरू करने की अनुमति दिलवायी जानी चाहिये, क्योेंकि यद्यपि यह लैब पीडीएमसी जैसे निजी संस्थान में शुरू होने जा रही है. किंतु इसमें सरकार एवं जनप्रतिनिधियों की ओर से पैसा लगाया गया है.

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