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90 लाख का दंड, 72 लाख वसूल भी लिए

महारेरा की 628 प्रोजेक्ट पर कडी व बडी कार्रवाई

* नागपुर क्षेत्र के 66 प्रोजेक्ट लपेटे में
अमरावती/दि.8  – महारेरा ने विज्ञापनों और पोस्टरों पर महारेरा क्रमांक तथा क्यूआर कोड प्रकाशित न करने के मामले में सुओमोटो कार्रवाई करते हुए प्रदेश के 628 प्रकल्पों को 88 लाख 90 हजार रूपए दंड किया. जिसमें से 72 लाख 35 हजार रूपए जुर्माना वसूल भी लिया गया. इनमें नागपुर क्षेत्र के 66, मुंबई के 312, पुणे के 250 प्रकल्प शामिल हैं. महारेरा ने सुरक्षित और संरक्षित निवेश के लिए महारेरा पंजीयन संख्या न रहनेवाले गृह निर्माण प्रकल्प में निवेश नहीं करने की हिदायत दी हैं.
विदर्भ के सभी जिलो का समावेश नागपुर क्षेत्र में हैं. यहां के 66 प्रकल्पों को 6 लाख 35 हजार का जुर्माना किया गया है. उसमें से 6 लाख 10 हजार रूपए दंड वसूल किए जाने की जानकारी माध्यम सलाहकार राम दोतोंडे ने दी. उन्होंने बताया कि मुंबई महाप्रदेश के 312 प्रकल्पों को पंजीयन संख्या और क्यूआर कोड के बगैर विज्ञापन छापने के कारण 54 लाख 25 हजार रूपए दंड किया हैं. पश्चिम महाराष्ट्र और मराठवाडायुक्त पुणे क्षेत्र के 250 प्रकल्पों पर कार्रवाई की गई है. 28 लाख 30 हजार रूपए दंड किया गया है. महारेरा ने स्पष्ट किया कि अचल संपत्ति कानून के अनुसार 500 वर्ग मीटर से अधिक अथवा 8 फ्लैट के प्रकल्प का महारेरा में पंजीयन अनिवार्य हैं. इसके बगैर कोई भी डेवलपर प्रोजेक्ट का विज्ञापन नहीं कर सकते एवं उस प्रकल्प के घरों की रजिस्ट्री एवं बिक्री नहीं की जा सकेगी.

* महारेरा अध्यक्ष मेहता का कहना
महारेरा अध्यक्ष अजोय मेहता ने कहा कि गृह निर्माण प्रकल्प को महारेरा का पंजीयन क्रंमांक रहने से स्पष्ट है कि उसमें किया गया निवेश सुरक्षित हैं. उसी प्रकार महारेरा द्बारा अनिवार्य किए गये क्यूआर कोड का भी ग्राहको को बढिया उपयोग हो रहा है. प्रदेश के गृहनिर्माण प्रकल्प के लिए कोड बंधनकारक करने से विश्वसनीयता बनी हैं. मेहता ने कहा कि आगे भी पंजीयन नंबर और कोड के बगैर विज्ञापन प्रकाशित करने पर दंडात्मक कारवाई जारी रहेगी.

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