लाईफ सर्टिफिकेट नहीं देने पर हो सकती है पेन्शन बंद!
प्रति वर्ष पेन्शनधारकों को देना पड़ता है जीवित रहने का प्रमाण पत्र
अमरावती/दि.27- पेन्शनधारकों को नवंबर महीने में पीएफ कार्यालय में हर वर्ष जीवित रहने का प्रमाण पत्र देना पड़ता है. यह दाखला न देने पर पेंशन बंद हो सकती है. जिन्होंने इस काल में दाखला नहीं दिया, उनकी पेन्शन रोकी जाती है. जिला कोषागार कार्यालय की जानकारी के अनुसार जिले में वर्ग 1 से वर्ग 4 इस वर्गवारी में 35 हजार पेन्शनधारक है. इनमें से सभी ने हयात प्रमाण पत्र दिये जाने से किसी भी निवृत्त कर्मचारी की पेन्शन नहीं रोकी जाने की जानकारी है.
सेवानिवृत्ति के बाद शासकीय व अर्धशासकीय कर्मचारियों को पेन्शन दी जाती है. इसके लिए उन्हें नवंबर महीने में लाईफ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है. जिला कोषागार कार्यालय की जानकारी के अनुसार जिले में विविध विभागों के 35 हजार पेन्शन धारक है. उन्हें निवृत्ति वेतन हर माह दिया जाता है. लेकिन उन्हें नवंबर महीने में जीवन प्रमाण पत्र देना पड़ता है. जीवित रहने का प्रमाण पत्र यह सभी पेन्शनधारकों के लिए आवश्यक होता है. निवृत्तिवेतन ले रहे हो तो आगामी वर्ष में आप जीवित है, यह साबित करने के लिए यह दाखला है. यह दाखिला प्रस्तुत न करने पर पेन्शन बंद हो सकती है.
पेंशन धारकों को लाईफ सर्टिफिकेट यह सेतु केंद्र, जीवन प्रमाण पत्र केंद्र से ही मिलता है. बावजूद इसके वेबसाईट पर कागजपत्र ऑनलाईन प्रस्तुत करने के बाद ओटीपी ाता है व यह ओटीपी डालने के बाद दाखला मिलने की जानकारी महसूल कर्मचारी संगठना द्वारा दी गई.
* हर वर्ष देना पड़ता है लाईफ सर्टिफिकेट
प्रत्येक पेन्शनधारक व्यक्ति को प्रति वर्ष नवंबर महीने में जीवित रहने का प्रमाण पत्र देना पड़ता है. कोरोना काल में दो वर्ष में यह अवधि बढ़ाकर दी थी. नवंबर की बजाय दिसंबर, जनवरी महीने तक यह अवधि बढ़ाकर मिली थी. लेकिन हर वर्ष ही नवंबर माह में यह दाखला प्रस्तुत करना अनिवार्य है.
* ये कागज पत्र जरुरी है
पेन्शन शुरु होने का पत्र, सेवानिवृत्ति का पत्र, पहचान पत्र आदि कागज पत्र साधारणतः लगते हैं. स्थानीय स्वराज्य संस्था में पेन्शन धारकों को पहचानने वाले होने के कारण कभी कागजपत्र नहीं लगते.