छत्री तालाब परिसर में लोग कर रहे कूडा-कर्कट-2
जंगल नष्ट करने पर तुले हैं कुछ लोग
* जैव विविधता खत्म होने का डर
अमरावती/दि.7- शहर के छत्री तालाब-मालखेड रोड पर सडक के दोनों ओर
अनेक जगहों पर खाने-पीने के झूठे पडे सामान और उनके पैकिंगे मेटेरियल बडी मात्रा में बिखरे और डाले हुए नजर आ रहे हैं. यहां के वन्यजीव और जंगल को बचाने का प्रयास करने वाले पर्यावरण प्रेमियों ने आरोप लगाया कि, क्षेत्र का जंगल नष्ट करने पर कुछ लोग तुले हुए हैं. उन्होंने कहा कि, कई बार मनाही करने के बाद भी लोग चोरी-छीपे यहां लाकर विभिन्न प्रकार का कूडा-कर्कट डाल रहें हैं. अब तक कूडा-कर्कट और अन्य कचरा डाला जाता था. अब बिल्डिंग वेस्ट भी डाला जा रहा है जिससे परिसर की सुंदरता के साथ-साथ पर्यावरण की भी हानी हो रही है. अमरावती मंडल को अनेक पर्यावरण प्रेमियों ने लाइव फोटो भेजकर ध्यान खींचा, तो मंडल के दल ने मौके पर जाकर उनकी शिकायतों को सही पाया.
* होटलों की सामग्री फेंक रहे
छत्री तालाब परिसर हरियाली से सराबोर है. कुछ समय पहले तक वहां से मालखेड की तरफ जाती सडक के दोनों ओर बहुत पेड थे. अब काफी मात्रा में पेड काट दिए गए हैं. हरियाली बरकरार है. इस हरियाली पर पिछले कुछ दिनों से बिल्डिंग वेस्ट, मलबा फेंका जा रहा है. साथ ही साफ दिखाई दिया कि कई लोग होटल की बची हुई खाद्य सामग्री और उसका कचरा फेंक रहे हैं. जब इन कचरे के ढेर के फोटो और वीडियो लेने का प्रयास किया तो उसी समय देखा कि हिरणों का बडा झुंड थोडी ही दूरी पर चारा चरने आया है. हिरणों की जान खतरे में होने का दावा वन्यजीव प्रेमी ने मंडल से बातचीत में व्यक्त की. उन्होंने मनपा और जंगल महकमे से तुरंत इस ओर प्राथमिकता से ध्यान देने एवं उचित कार्रवाई की अपेक्षा व्यक्त की है.
* आय क्लीन अमरावती का सफाई अभियान
छत्री तालाब रोड पर मालखेड मार्ग पर सुबह सवेरे सैर करनेवाले सैकडों लोग हैं. ऐसे ही इस क्षेत्र की जैव विविधता को बचाए रखने आय क्लीन अमरावती संगठन बनाया गया है. इस संगठन में 225 सदस्य होने की जानकारी देते हुए डॉ. अनुकूल पटेरिया ने बताया कि, उन लोगों ने 25 हफ्ते तक इस क्षेत्र में रविवार को व्यापक सफाई अभियान छेडा. काफी मात्रा में गंदगी और वेस्ट दूर किया. डॉ. पटेरिया ने आरोप लगाया कि, लोग घर के भगवान, माता-पिता की पुरानी फोटो और कई चीजें यहां फेंक देते हैं. इस परिसर को कई लोगों ने डस्टबीन बना दिया है. तीन सीजन से उन्होंने सफाई की है. लोग वेस्ट खाना भी यहां डाल देते है जिससे गंदगी बढती है. उन्होेंने बताया कि, उनके संगठन में सीए चेतन इंगले, डॉ. सोनाली इंगले, डॉ. निक्कू खालसा, डॉ. कृष्णा पटेरिया और अनेक प्रोफेशनल्स और अन्य सहभागी है. 90-100 लोग एक्टिव है. उनका भी उद्देश्य परिसर की जैव विविधता बनाए रखना है.