अमरावती

बैन्ड पथक, उद्यान, ग्रंथालय व प्रयोगशालाओं को अनुमति

विवाह समारोहों में ५० लोगों की उपस्थिति में बैन्ड पथक भी शामिल

  • जिलाधीश शैलेश नवाल ने दी अनलॉक के अगले चरण की जानकारी

अमरावती/दि.१६ – कोरोना संक्रमण के प्रभाव को रोकने और खत्म करने हेतु अमरावती जिले में आपत्ति व्यवस्थापन अधिनियम २००५ तथा संक्रामक महामारी प्रतिबंधात्मक अधिनियम १८९७ के तहत प्रतिबंधात्मक उपाययोजनाओं को प्रभावी तौर से लागू करने के लिए संचारबंदी आदेश जारी किये गये थे. जिसमें अब धीरे-धीरे कुछ ढिलाई दी जा रही है. जिसके तहत उद्यान, ग्रंथालय व प्रयोग शालाओं को खोलने की अनुमति देते हुए विवाह समारोहों में बैन्ड पथक को भी शामिल करने की अनुमति दी जा रही है. हालांकि विवाह समारोहों में अधिकतम ५० लोगोें की उपस्थिति का नियम अब भी लागू है और बैन्डबाजे वाले लोगों की गिनती भी इन्हीं ५० अधिकतम लोगों की उपस्थिति में की जायेगी. इस आशय की जानकारी जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा दी गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि, उद्यानों, ग्रंथालयों, प्रयोगशालाओं व साप्ताहिक बाजारोें में कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों के तहत सतर्कता बरतने के नियमोें व शर्तों का पालन करना अनिवार्य किया गया है.
बता दें कि, विगत दिनों बैन्ड पार्टी व्यवसायियों ने जिला बैन्ड पथक एसो. के मार्फत जिलाधीश नवाल को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की थी कि, उन्हें शादी-ब्याह जैसे अवसरों पर अपना व्यवसाय करने की अनुमति दी जाये. क्योंकि वे विगत छह-सात माह से बेरोजगारी का सामना कर रहे है. इस बात के मद्देनजर जिलाधीश शैलेश नवाल ने कई नियमों व शर्तों का पालन करते हुए बैन्ड पथकों को व्यवसाय करने की अनुमति दी है. जिसमें कहा गया है कि, विवाह समारोहों के समय उपस्थित लोगों की गिनती में बैन्ड पथकवालों को भी ग्राह्य माना जायेगा और संख्या से संबंधित इस नियम का बिल्कूल भी उल्लंघन नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही एक ही स्थान पर इकठ्ठा होने की बजाय सोशल डिस्टंसिंग रखते हुए बैन्ड बजाना अनिवार्य रहेगा. इन बैन्ड पथकोें को शाम ७ बजे तक ही बैन्ड बजाने की अनुमति रहेगी और बैन्ड पथक के मालिक हेतु यह जरूरी रहेगा कि, वह अपने पथक में शामिल सभी सदस्यों की नियमित थर्मल स्कैqनग करवाये. इसके साथ ही बैन्ड पार्टी हेतु आवश्यक सभी साजोसामान का समय-समय पर निर्जंतुकीकरण करना भी अनिवार्य रहेगा, ताकि बैन्ड पार्टी के सभी सदस्य खुद भी कोरोना संक्रमण से बचे रहे और उनके संपर्क में आनेवाला कोई भी व्यक्ति इस संक्रमण की चपेट में न आये.
उपरोक्त जानकारी के साथ ही जिलाधीश ने बताया कि, यदि कहीं पर भी किसी नियम अथवा शर्त का उल्लंघन होता पाया जाता है, तो संबंधित बैन्ड पथक के खिलाफ आपत्ति व्यवस्थापन अधिनियम महामारी प्रतिबंधात्मक अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता के तहत दंडात्मक व फौजदारी कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा कई नियमों व शर्तों के तहत उद्यानों, ग्रंथालयों व प्रयोगशालाओं को भी काम करने की अनुमति दी गई है. जिसके तहत कहा गया है कि, सभी को कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों एवं सोशल डिस्टंसिंग व मास्क से संबंधित निर्देशों का कडाई के साथ पालन करना होगा.

५० प्रतिशत शिक्षक व कर्मचारी रह सकेंगे उपस्थित

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक समूचे राज्य में स्कूल-कालेज व निजी ट्युशन क्लासेस आगामी ३१ अक्तूबर तक बंद रहेंगे और ऑनलाईन शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया जायेगा. कंटेनमेंट झोन को छोडकर अन्य स्थानों के स्कूलों व कालेजों में ५० फीसदी शिक्षकों व कर्मचारियों को ऑनलाईन शिक्षा, टेलीफोन समुपदेशन व अन्य कामों के लिए उपस्थित रहने की अनुमति दी जायेगी. कौशल्य विकास महामंडल, कौशल्य प्रशिक्षण संस्था, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, राष्ट्रीय उद्योजकता संस्था व इसके अंतर्गत कार्यरत प्रशिक्षण केंद्रों को स्वास्थ्य मंत्रालयों के मानक कार्यप्रणाली उपक्रम चलाने को अनुमति दी गई है. उच्च शैक्षणिक संस्था, पीएचडी संशोधन, विज्ञान स्नातकोत्तर विद्यार्थी, तंत्रज्ञान प्रयोगशाला आदि को दक्षता कार्यप्रणाली का अवलंब करने की शर्त पर अनुमति दी गई है. सार्वजनिक ग्रंथालयों को शुरू किया जा रहा है. सार्वजनिक उद्यान, बगीचे, औद्योगिक विभाग की कार्यप्रणाली के अनुसार खुले रखे जायेंगे. कंटेनमेंट झोन के अलावा अन्य कहीं पर भी व्यवसायिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा सकता है. सार्वजनिक साप्ताहिक बाजार व जानवरों के बाजार को भी अनुमति दी गई है. किंतु इसके लिए महानगरपालिका व जिला परिषद को स्वतंत्र कार्यप्रणाली तैयार करने के निर्देश जिलाधीश द्वारा दिये गये है. दूकानों व आस्थापनाओं को सुबह ९ से रात ९ बजे तक अपना कामकाज शुरू रखने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा अन्य अत्यावश्यक सेवाएं पहले की तरह सुचारू ढंग से चलती रहेगी. यह आदेश आगामी ३१ अक्तूबर तक लागू रहेगा, ऐसा जिलाधीश द्वारा जारी आदेश में कहा गया है.

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