प्रशासक काल दौरान जिप में बढेगा विधायकों का दबदबा
निधी नियोजन में हस्तक्षेप बढने की संभावना बढी
अमरावती/दि.16– स्थानीय जिला परिषद में प्रशासक राज शुरू होने के बाद विधायकों का हस्तक्षेप बढने की पूरी संभावना है. इससे पहले जिप पदाधिकारियों व सदस्यों के जरिये अपने काम करवानेवाले जिले के विधायक अब सीधे जिला परिषद की निधी के नियोजन में हस्तक्षेप कर सकते है, ऐसा अनुमान जताया जा रहा है.
बता दें कि, जिला परिषद में विषय समितियों के जरिये नियोजन को मंजुरी दी जाती है. पश्चात प्रशासन उस पर अमल करता है, लेकिन प्रशासक राज के दौरान विषय समिती, स्थायी समिती तथा सर्वसाधारण सभा के पूरे अधिकार अब अधिकारियों के पास रहेंगे. जिसके चलते प्रारूप तैयार करने और कामों का नियोजन करने जैसे सभी कार्य प्रशासन को ही करने होंगे. ऐसे में जिला परिषद में प्रशासक राज रहने के चलते अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के कामोें को पूरा करने हेतु अब विधायकों द्वारा निधी नियोजन के काम में हस्तक्षेप किये जाने की पूरी संभावना है. ज्ञात रहे कि, जिला परिषद में 300 करोड रूपयों से अधिक नियत-व्यय आता है. जिसमें से प्रत्येक तहसील को 15 से 20 करोड रूपये की सहायता मिल सकती है. ऐसे में अब विधायक निधी के साथ-साथ जिला परिषद में भी अतिरिक्त निधी उपलब्ध होगी.
* प्राधान्यक्रम की दिक्कत
जिला परिषद को मिलनेवाली निधी के नियोजन हेतु सरकार ने भौगोलिक क्षेत्र को प्राधान्यक्रम के मानक तय किये है. जिसके अनुसार विषय समितियोें द्वारा नियोजन किया जाता है. किंतु प्रशासक राज के दौरान विधायकों के अपने प्राधान्यक्रम तथा सरकारी निर्देश के अनुसार प्राधान्यक्रम में फर्क रहने के चलते प्रशासन एवं विधायकों के बीच मतभेद होने की पूरी संभावना है. प्रशासन को अब तक पदाधिकारियों व सदस्यों का दबाव सहन करने की एक तरह से आदर हो गई है. किंतु अब उन्हेें विधायकों की ओर से आनेवाले दबाव को सहन करना पडेगा. जिसके चलते जिला परिषद के अधिकारियों की धडकने अभी से तेज हो गई है.
* जिला परिषदों में तबादलों को लेकर गतिविधियां तेज
वही इस दौरान जिला परिषद में तबादलोें को लेकर भी गतिविधियां काफी तेज हो गई है. जिला परिषद के गट-क (वर्ग 3) व गट-ड (वर्ग 4) के कर्मचारियों की तबादला नीति व समयसारणी के अनुसार तबादले हेतु प्राप्त कर्मचारियों की सेवा विषयक जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश सीईओ अविश्यांत पंडा ने विगत 9 फरवरी को सभी विभाग प्रमुखों को एक पत्र के जरिये जारी किया था. जिसके चलते अब जिला परिषद व पंचायत समितियों ने तबादले के लिए जानकारी के संकलन के काम में गति पकड ली है.
जिला परिषद में गट-क व गट-ड की कर्मचारी तबादला नीति को लेकर जिला स्तर पर 5 से 15 मई तथा तहसील स्तर पर 16 से 25 मई तक अमल करने का सरकारी आदेश जारी हुआ है. जिसके चलते तबादला प्रक्रिया को अमल में लाने हेतु कर्मचारियों की जानकारी निर्धारित प्रारूप में तय समय के भीतर सटिक तरीके से प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधितों को जारी किये गये है.