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धार्मिक संस्था सहित सभी कार्यक्रमों के महाप्रसाद के लिए अनुमति अनिवार्य

अन्न व औषधि प्रशासन के अतिरिक्त आयुक्त चव्हाण ने सभी को दी चेतावनी

* सभी को नागरिकों के स्वास्थ बाबत सावधानी बरतना अनिवार्य
* शहर के एकवीरा, अंबादेवी संस्थान सहित गुरुद्वारा के पास है अनुमति
अमरावती/दि. 14 – विभिन्न त्यौहारो व उत्सव पर आयोजित किए जानेवाले महाप्रसाद के आयोजन सहित धार्मिक संस्थानों में हर दिन होनेवाले लंगर व अन्नकूट के कार्यक्रम के लिए अन्न व औषधि प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य रहने और प्रसाद का लाभ लेनेवाले नागरिकों के स्वास्थ विषयक सावधानी बरतना भी अनिवार्य रहने की जानकारी अन्न व औषधी प्रशासन के अतिरिक्त आयुक्त बी.के. चव्हाण ने अमरावती मंडल को दी.
असिस्टंट कमिश्नर बी.के. चव्हाण ने अमरावती मंडल को बताया कि, पहले 1954 अन्न मिलावट प्रतिबंधक कानून लागू था. जो 2011 तक रहा. पश्चात 5 अगस्त 2011 से संपूर्ण देश में अन्न सुरक्षा व मानदे कानून लागू किया गया. इस कानून के तहत धार्मिक संस्थानों में हर दिन आयोजित लंगर, अन्नकूट, अन्नदान के अलावा विभिन्न उत्सव व त्यौहारो के अवसर पर आयोजित किए जानेवाले सामूहिक महाप्रसाद, विवाह समारोह तथा अन्य ऐसे सभी कार्यक्रम जहां सामूहिक भोजन करवाया जाता है, उन्हें अन्न सुरक्षा अभिप्रेत मानकर अन्न व औषधि प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक है. ऐसे कार्यक्रमों में अनेक लोग कैटरिंग सर्विस भी रखते है. कैटरिंग सर्विस को भी लाईसेंस जरुरी है. सभी के लिए अन्न सुरक्षा अभिप्रेत है. आयोजकों की जिम्मेदारी है कि, वे नागरिकों के स्वास्थ का ध्यान रखे और उसके मुताबिक ही नियमानुसार कार्य करे. यदि ऐसे कार्यक्रमों में कोई विषबाधा होती है तो संबंधित आयोजकों को और खाद्य पदार्थ बनानेवालों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. इस कारण इस तरह के आयोजक तथा धार्मिक संस्थानों को लाईसेंस रखना जरुरी है. अमरावती शहर की विख्यात अंबादेवी और एकवीरा देवी संस्थान में हर दिन महाप्रसाद का आयोजन होता है. इन दोनों संस्थाओं के साथ ही गुरुद्वारा के पास इसका लाईसेंस है. साथ ही विख्यात शेगांव संस्थान के पास भी अनुमति है. उसी तरह की अनुमति हर किसी ने लेनी चाहिए. यदि बगैर अनुमति के इस तरह के आयोजन होते है और इस दौरान कोई अनुचित घटना होती है तो संबंधितों पर कार्रवाई की जा सकती है.

* शहर में 449 और ग्रामीण में 460 होटल, रेस्टारेंट और ढाबे
अन्न व औषधि प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अमरावती मनपा क्षेत्र में 449 और ग्रामीण क्षेत्र में 460 होटल, रेस्टारेंट, ढाबे और कैटरिंग के अधिकृत लाईसेंस है. इसके अलावा मैन्यूफैक्चरिंग के 286 कारखाने है. जिसमें दाल मिल, आईल मिल, बेसन मिल, बेकरी, दूध आदि सहित सभी खाद्य पदार्थ तैयार होनेवाले उत्पादन का समावेश है. इसके अलावा रिटेल, होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर, ट्रांसपोर्टर और स्टोरेज के अमरावती शहर में 861 और ग्रामीण क्षेत्र 785 लाईसेंस है. साथ ही जिनका 12 लाख से कम वार्षिक टर्नओवर है, जो रजिस्ट्रेशन होल्डर है वह अनेक है. इन सभी को अन्न सुरक्षा अधिनियम के तहत स्वच्छता और अन्न सुरक्षा के तहत सावधानी बरतना आवश्यक है. शासन द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक प्रति माह दिए गए टार्गेट के तहत इन सभी उत्पादक, ट्रेडर्स और होटल, रेस्टॉरेंट, ढाबे का सर्वेक्षण किया जाता है. कोई शिकायत आने अथवा संदिग्ध दिखाई देने पर वहां के नमूने लिए जाते है और उसमें कोई खामियां नजर आई तो संबंधित पर कार्रवाई की जाती है, ऐसा भी इस विभाग की तरफ से बताया गया.

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