अमरावती

वन परिक्षेत्र में रास्तों के कार्याे के लिए अनुमति की आवश्कता नहीं

वनमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्णय

  • पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर (Yashomati Thakur) के प्रयास सफल

अमरावती/दि.१६ – अब आरक्षित वन क्षेत्र के रास्तों के कार्यो के लिए वन मंत्रालय से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. इस प्रकार का निर्णय राज्य के वनमंत्री संजय राठोड की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया. जिसमें अब वनक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रास्तों के गह्ने पटाने के कार्य का रास्ता साफ हो गया ऐसी जानकारी जिले की पालकमंत्री व राज्य की महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने दी.
वन सुरक्षा कानून १९८० के अनुसार वनक्षेत्र के रास्तों की देखभाल दुरुस्ती व नूतनीकरण करवाने के संदर्भ में अनुमति का अधिकार राज्य शासन के पास थे. इस संदर्भ में प्रस्ताव की संपूर्ण जांच करवाने के पश्चात राज्य सरकार द्वारा अनुमति दी जाती थी. आरक्षित वनक्षेत्रों में रास्तो पर गह्नो पटाने के छोटे काम का भी प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी ली गई. राज्य शासन को भेजना होता था.  इसमें काफी विलंब हो रहा था.
जिले की पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने मेलघाट अंतर्गत आरक्षित वनक्षेत्र के रास्तो पर पडे गह्ने पटाने हेतु और रास्ते दुरुस्ती में आने वाली अडचनों को दूर करने के लिए लोक निर्माण विभाग, वनविभाग के साथ अनकों बार बैठके की थी. उसी प्रकार राज्य के वनमंत्री संजय राठोड को भी आवेदन दिए गए थे. जिसमें राज्य के वनमंत्री सजय राठोड के कक्ष में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस समय पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर के साथ जलसंपदा शालेय शिक्षण राज्य मंत्री बच्चू कडू, मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल व वनविभाग के अधिकारी उपस्थित थे.

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