अनुमति एक खसरे की, सागौन तोडा तीन खसरे में!
वन परिक्षेत्र अधिकारी व वनपाल की मिलीभगत से चल रहा काम
* ठेकेदार पर अधिकारी है मेहरबान
अमरावती/दि.23 – वरुड वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय अंतर्गत जामगांव खेत गट क्रमांक-3 में एक किसान के नाम पर अनुमति लेते हुए तीन किसानों के खेतों से सागौन की कटाई की गई. साथ ही ठेकेदार द्बारा कटाई पश्चात सागौन की लडकी को नागपुर ले-जाकर बेच दिया गया. ऐसी शिकायत एक वन मजदूर द्बारा किए जाने के चलते वरुड आरएफओ में चल रहा अफलातून कामकाज उजागर हुआ है. वन मजदूर माणिक घोडेराव द्बारा मुख्य वन संरक्षक को दी गई शिकायत के मुताबिक वरुड वन परिक्षेत्र में विरांगना रानी दुर्गावती आदिवासी जंगल कामगार संस्था है. जिसके अध्यक्ष रहने वाले अशोक पंधरे द्बारा संस्था के कामों की ओर कम ध्यान दिया जाता है. वहीं खसरा यानि लकडी कटाई के काम अधिक किए जाते है. वस्तुत: लकडी कटाई का काम आदिवासी किसानों को मिलना चाहिए. ऐसा नियम है. परंतु वन विभाग ने खसरा निकालने का काम लेकर अगर कोई पहुंचता है, तो उसे सीधे अशोक पंधरे के पास भेजा जाता है. विगत दिनों सैय्याजी कोकाट नामक आदिवासी किसान ने शेत गट क्रमांक-3 में सागौन वृक्ष कटाई व खसरा निकालने हेतु अनुमति मांगी थी. जहां पर 10 से 12 मीटर लॉगिंग के अनुसार सागौन वृक्ष थे. परंतु ठेकेदार अशोक पंधरे ने सैय्याजी कोकाटे के साथ-साथ चंपत मरस्कोल्हे व जानराव मरस्कोल्हे के खेत का खसरा भी नियमबाह्य तरीके से काट दिया और इस अवैध सागौन की कुछ लकडी को अपने घर पर रखने की अनुमति भी आरएफओ से प्राप्त कर ली. परंतु इस सागौन की लकडी को अनुमति के अनुसार अपने घर पर रखने की बजाय अशोक पंधरे ने उसे नागपुर ले जाकर बेच भी डाला.
* अवैध सागौन को लाया गया था पुसला डिपो में
ठेकेदार अशोक पंधरे ने कुछ सागौन को नागपुर ले जाकर बेचा. वहीं कुछ अवैध सागौन को 23 मई 2022 को पुसला डिपो मेेंं भी लाया है. इस अवैध सागौन लकडी का चालान व लॉर्गिंग आपस में मेल नहीं खा रहा था. यह बात ध्यान में आते ही वनपाल धडेकर ने इसकी जानकारी आरएफओ को दी. परंतु इसके बाद इस अवैध सागौन को लकडा डिपो में रखने के लिए ठेकेदार पंधरे ने दबाव तंत्र का प्रयोग करना शुुरु किया. जिसके चलते वनपाल धडेकर ने भी आरएफओ व ठेकेदार पंधरे के साथ मिलीभगत करते हुए सागौन लकडी की कटाई व विक्री में सहयोग किया, ऐसी शिकायत करते हुए वन मजदूर माणिक घोडेराव ने मुख्य वनसंरक्षक से इस पूरे मामले की सघन जांच करने की मांग की है.
* पुसला लकडा डिपो में कोई भी काम नियमबाह्य नहीं हुआ है. एक किसान की अनुमति के अनुसार ही सागौन की कटाई की गई. बिना अनुमति के अन्य किसानों का सागौन कैसे काटा जाएगा. कुछ वन मजदूरों ने शायद देश भावना के चले सागौन कटाई को लेकर शिकायत की है.
– पुष्पलता बेंडे,
आरएफओ, वरुड.