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अमरावती/दि.5 – शहर में दिनों दिन कुत्तों की संख्या बढ रही है. इसके तहत जहां एक ओर शहर की सडकों पर आवारा घुमने वाले कुत्तों का प्रमाण बढ रहा है. वहीं लोगों द्बारा अपने घरों में कुत्ते पालने का चलन भी दिनोंदिन बढने लगा है. लेकिन घर में कुत्ता पालने से पहले इसे लेकर महानगरपालिका से अनुमति लेना आवश्यक होता है और यदि बिना अनुमति लिए कुत्ता पाला जाए, तो संबंधितों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है. इस बात से अधिकांश लोग अंजान होते है. यहीं वजह है कि, शहर में हजारों लोगों द्बारा बडे शौक से कुत्ता तो पाला जाता है, लेकिन इसके लिए मनपा की अनुमति लेने वाले लोगों की संख्या महज 250 है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, मनपा के पास पंजीकृत इन 250 पालतू कुत्तों के अलावा शहर में रहने वाले शेष सभी हजारों कुत्ते फालतू यानि आवारा है.
बता दें कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को यदि कुत्ता पालना है, तो उसे इसके लिए मनपा के झोन कार्यालय सहित मनपा मुख्यालय में स्थित पशु शल्य विभाग से अनुमति व लाईसेंस प्राप्त करना होता है. परंतु कुत्ता पालने के लिए भी मनपा की अनुमति लगती है. यह बात अधिकांश लोगों को पता ही नहीं है.
* क्यों जरुरी है अनुमति
प्राणी जन्मदर नियमावली 2001 के अनुसार पालतू कुत्तों के प्रजनन नियंत्रण, टीकाकरण, निर्बिजीकरण व नियमानुसार लाईसेंस की जिम्मेदारी श्वान मालिक पर होती है. ऐसे में संबंधित व्यक्ति द्बारा महानगरपालिका के पशु संवर्धन विभाग से कुत्ता पालने हेतु अनुमति लेना आवश्यक होता है.
* केवल 250 ने ली अनुमति
अमरावती मनपा से मिली जानकारी के मुताबिक विगत 5 से 6 वर्ष के दौरान अमरावती शहर में केवल 250 लोगों ने कुत्ता पालने की अनुमति ली है. शहर में पालतु कुत्ते रखने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए यह बेहद अत्यल्प आंकडा है, ऐसा कहा जा सकता है.
* अनुमति नहीं लेने पर दंड
बिना लाईसेंस व बिना पंजीयन कुत्ता पालने की शिकायत प्राप्त होने पर पहले नोटीस जारी करते हुए कुत्तें का पंजीयन कराने का निर्देश दिया जाता है.
– नोटीस मिलने के बाद तय समय के भीतर पंजीयन करना आवश्यक होता है और ऐसा नहीं करने पर 5 हजार रुपए तक दंड लगाया जाता है.
* कैसे प्राप्त करे अनुमति
पंजीयन के लिए पालतू कुत्तों को एन्टीरेबिज इंजेक्शन दिए जाने का प्रमाणपत्र जरुरी होता है. कुत्ते के पंजीयन हेतु प्रतिवर्ष 500 रुपए का शुल्क अदा करना होता है और इस लाईसेंस का प्रतिवर्ष नुतनीकरण करना आवश्यक होता है. यदि कुत्तें की नसबंदी शल्यक्रिया की गई है, तो पंजीयन शुल्क माफ किया जाता है. इसके साथ ही एक परिवार द्बारा अधिक से अधिक 3 कुत्तों का पंजीयन कराया जा सकता है.
* पंजीयन हैं आवश्यक
कुत्ता पालने वाले लोगों के लिए मनपा से अनुमति प्राप्त करना बेहद अनिवार्य है. कुत्ते के संदर्भ में कोई भी शिकायत मिलने पर और कुत्तें का पंजीयन नहीं रहने पर संबंधितों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है.
– डॉ. सचिन बोंद्रे,
पशु शल्यचिकित्सक, मनपा