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विवाह समारोहों के लिए जगह के अनुपात में दी जाये अनुमति

विवाह संघर्ष कृति समिती ने की जिलाधीश से मांग

अमरावती/दि.7- विवाह संघर्ष कृति समिती द्वारा जिलाधीश पवनीत कौर को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि, मार्च 2020 से कोविड संक्रमण एवं लॉकडाउन की वजह से जब सारा देश बंद था, तो विवाह उद्योग से जुडे लोगों ने भी सरकारी आदेशों को मानकर अपना दायित्व निभाया था. जिसकी वजह से विवाह समारोहोें में करीब 35 प्रकार की सेवाएं देनेवाले व्यवसायी प्रभावित हुए थे और विगत दो वर्ष के दौरान ऐन विवाह मुहूर्तों के समय लगाये गये दो लॉकडाउन की वजह से यह व्यवसायी बर्बादी की कगार पर आ गये है. वहीं अब तीसरी लहर की शुरूआत में सरकार एवं प्रशासन द्वारा विवाह समारोहों में अधिकतम 50 लोगों की उपस्थिति को छूट दी गई है. जबकि रेलवे, हवाई सेवा, बस, मॉल, सरकारी कार्यालय व न्यायालय आदी भीडभाडवाले स्थानों पर अधिकतम उपस्थिति की कोई मर्यादा लागू नहीं की गई है. अत: केवल विवाह समारोहोें के लिए नियम लागू करते हुए विवाह उद्योग से जुडे व्यवसायियों पर अन्याय न किया जाये.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों के चलते 1 हजार से 10 हजार स्क्वे. फीटवाले बडे हॉल में भी केवल 50 नागरिकों की उपस्थिति में विवाह समारोह आयोजीत करने हेतु कहा गया है. साथ ही ओपन लॉन के लिए भी यहीं शर्त लगायी गई है. जिसका सीधा मतलब है कि, प्रशासन द्वारा इस विषय को लेकर किसी भी तरह का कोई अध्ययन नहीं किया गया और अन्य स्थानों की भीडभाड को छोडकर केवल विवाह समारोहों के आयोजन पर ही पूरी पाबंदी लगा दी गई, जो एक तरह से भेदभावपूर्ण है. किंतु प्रशासन के इस फैसले की वजह से विवाह समारोहों पर आश्रित रहनेवाले 35 तरह की सेवा प्रदाता व्यवसायी एवं उनके परिवार भूखमरी की कगार पर पहुंच जायेंगे. अत: सरकार एवं प्रशासन द्वारा इस संदर्भ में सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए. इस ज्ञापन में यह भी बताया गया कि, आगामी 21 जनवरी से वैवाहिक मुहूर्त शुरू होने जा रहे है. अत: 10 जनवरी तक नई अधिसूचना जारी की जाये.
ज्ञापन सौंपते समय विवाह संघर्ष कृति समिती के अध्यक्ष पवन आसोपा तथा संयोजक विनोद डागा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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