जरिदा की 33 केवी विद्युत लाईन और उपकेंद्र को अनुमति दें
सांसद बलवंत वानखडे की प्रधान सचिव रेड्डी से मांग
अमरावती/दि.6– मेलघाट के अधिकांश क्षेत्र में अभी भी बिजली नहीं पहुंची है. इस कारण आदिवासी बंधुओं को काफी परेशानी का सामना करना पडता है. चिखलदरा तहसील के जरिदा की 33 केवी विद्युत लाईन और उपकेंद्र को वनविभाग की अनुमति देने की मांग सांसद बलवंत वानखडे ने वन विभाग के प्रधान सचिव रेड्डी से की है.
चिखलदरा तहसील के जरिदा की 33 केवी विद्युत वाहिनी व उपकेंद्र का काम महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के जरिए प्रगतिपथ पर है. यह उपकेंद्र शुरु हुआ तो मेलघाट के बहुल क्षेत्र में आदिवासी बंधुओं को बिजली आसानी से उपलब्ध होगी. वर्षो से अंधेरे में रहनेवाले इन आदिवासी बंधुओं को बिजली आने पर कायम का छुटकारा मिलेगा. जरिदा की 33 केवी विद्युत लाईन और उपकेंद्र सिपना वन्यजीव विभाग और मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र में रहने से इसे वनविभाग के अनुमति की आवश्यकता है. यह उपकेंद्र शुरु हुआ तो मेलघाट की जलापूर्ति योजना कार्यान्वित होकर इसका लाभ आदिवासी बंधुओं को होगा और स्वास्थ विषयक लाभ भी उन्हें होगा. साथ ही मेलघाट के आदिवासी बंधुओं का स्वास्थ, शिक्षण और अन्य आवश्यक बातों के साथ उनके जीवन में सुधार होगा. यह उपकेंद्र शुरु करने बाबत वनसंवर्धन अधिनियम 1980 के तहत वनविभाग की अनुमति आवश्यक है, ऐसा सांसद बलवंत वानखडे ने प्रधान सचिव से कहा. इस संबंध में जिलास्तरीय रिपोर्ट भी प्रस्तुत की. सांसद बलवंत वानखडे की मांग को प्रधान सचिव रेड्डी ने सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए जल्द ही इस मामले का निपटारा करने का आश्वासन दिया है.