अमरावती

बारिश के दिनों में होती है कीटकजन्य बीमारियां

बुखार, हाथी रोग, डेंग्यु, जॅपनीज इन्फ्लुएंजा पसारते है पैर

अमरावती/दि.23– बारिश के दिनों में कीटकजन्य बीमारियां बड़े पैमाने पर पैर पसारती है. मलेरिया व डेंग्यु के मरीजों की संख्या में वृद्धि होती है. बरसात में विविध स्थानों पर जमा होने वाले पानी के डबकों में मच्छरों की निर्मिति होती है. जिसके चलते बुखार, हाथी रोग, डेंग्यु, जॅपनीज इन्फ्लुएंजा आदि कीटकजन्य बीमारियां होती है. इसलिए अनेक बार ये मच्छर जानलेवा साबित होने की संभावना भी अधिक होती है. जिसके चलते नागरिकों को इस ओर ध्यान देना अति आवश्यक है.
कीटकजन्य बीमारियों से बचने के लिए घर के आजूबाजू में पानी जमा न होने दे, घर का परिसर साफ रखे, सप्ताह में एक दिन सूखा पाले, मच्छर नाशक साधनों का इस्तेमाल करना चाहिए. घर में मच्छर न होने पाये, इसके लिए खिड़कियों में जालियां लगानी चाहिए. डेंग्यु व मलेरिया पर नियंत्रण के लिए जिला हिवताप कार्यालय के माध्यम से जनजागृति कार्यक्रम लिया जा रहा है. जिले की कीटकजन्य बीमारियों के दृष्टिकोण से संवेदनशील वाले गांवों में पंचसूत्री कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.
डेंग्यू, मलेरिया के लक्षण
– डेंग्यू होने पर बुखार आना, सिर में दर्द, जी मचलना, उल्टीयां होना, शरीर में दर्द, स्नायूओं में वेदना व आंखों के पीछे दर्द होना, कमजोरी आना, स्वाद में बदल होना, गले में दर्द, ग्रंथियों व लसिका में सूजन आना यह लक्षण है.
– मलेरिया में ठंड लगकर बुखार आना, सिर दर्द, बार-बार बुखार आना, पेट दर्द, जुलाब व अतिसार होना, शरीर में दर्द, नाड़ी की गति तेज होना, आदि लक्षण मरीजों में दिखाई देते है.
* तीन वर्ष में एक भी मृत्यु नहीं
डेंग्यु के कारण तीन वर्ष में एक भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई. 2019 में जिले में 307, 2020 में 260, 2021 में 663 डेंग्यू के मरीज पाये गए. मई 2022 तक जिले में एक भी डेंग्यू का मरीज नहीं पाये जाने की जानकारी हिवताप कार्यालय ने दी.
जनजागृति के साथ ही कीटकजन्य बीमारियों के लिए अति संवेदनशील गांवों में पंचसूत्री कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
– डॉ. शरद जोगी, जिला हिवताप अधिकारी

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