अमरावतीमहाराष्ट्र

तणनाशक की फवारणी का दौर बढा

बारिश के चलते फसलों के बीच उग आयी तण

* फवारणी से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह आवश्यक
अमरावती/दि.13– जिले में विगत पखवाडे के दौरान चहूंओर झमाझम बारिश हुई, जो फसलों की वृद्धि हेतु पोषक साबित हुए. हालांकि इस बारिश की वजह से खेतों में फसलों के साथ-साथ घासफूस भी बडे पैमाने पर बढ गई है. जिसे निकालने के लिए मजदूरों की अच्छी खासी किल्लत चल रही है. साथ ही मजदूरी की दरें भी काफी अधिक है. ऐसे में किसानों द्वारा अपने खेतों में जमकर तणनाशकों की फवारणी की जा रही है. परंतु अक्सर ही तणनाशकों की फवारणी करने हेतु किसानों द्वारा कृषि विशेषज्ञों की सलाह नहीं ली जाती. जिसके चलते अपेक्षित परिणाम साध्य नहीं हो पाते और कई बार फसलों का भी नुकसान होता है.
जानकारी के मुताबिक जमीन में गीलापन रहते समय की गई तणनाशक की फवारणी काफी फायदेमंद व परिणामकारक साबित होती है. वहीं इसकी तुलना में सूखे खेतों में की गई. तणनाशक की फवारणी फायदेमंद नहीं रहती. ऐसे में किस फसल के लिए कौन से तणनाशक का प्रयोग किया जाये, इसकी जानकारी कृषि विशेषज्ञों व कृषि विभाग से लेना काफी महत्वपूर्ण होता है. इसके साथ ही तणनाशक का प्रयोग करते समय पानी साफ सूथरा होना चाहिए तथा पानी का अनुपात साढे 6 से साढे सात के बीच रहना चाहिए, तभी तणनाशक परिणामकारक सिद्ध होता है.

* तणनाशक के प्रकार
– सूचीपर्णी फसल हेतु
गेहू, धान, गन्ना व ज्वारी जैसी सूचीपर्णी फसलों हेतु 2-4-डी इस हार्मोनवर्धक तणनाशक की फवारणी की जाती है. जिससे आवश्यक परिणाम मिलता है.

– चपटे पत्तों वाली फसल हेतु
कपास जैसी चपटे पत्तों वाली फसलों हेतु फवारणी हेतु पेेंडी मैथॉलीन तणनाशक का प्रयोग करना फायदेमंद रहने की बात किसानों द्वारा कही गई है.

– समूल उच्चाटन हेतु
सभी प्रकार के तण के नियंत्रण व उच्चाटन हेतु राउंड अप तणनाशक फायदेमंद साबित होता है. खेतों में फसल खडी नहीं रहने पर यह तणनाशक काफी प्रभावशाली होता है.

* घास निकालने नहीं मिल रहे मजदूर
बारिश के रुक जाने और मौसम के खुल जाने के साथ ही खेतों में निंदनी के काम चल रहे है. एक साथ सभी खेतों में काम आ जाने के चलते मजदूरों की किल्लत हो जाती है और मजदूरी की दरें भी बढ जाती है.

* जमीन में नमी रहते समय फवारणी जरुरी
खेतों में तण बेहद छोटे व कोमल रहते समय और खेतों की जमीनों में गीलापन रहते समय तणनाशक की फवारणी करना फायदेमंद होता है. जिससे तणनाशक जमीन की गहराई तक पहुंचता है और घासफुस अपनी जड से ही सूख जाती है.

* तणनाशक का फसलों पर परिणाम
बाजार में कई प्रकार के तणनाशक उपलब्ध है. किस फसल के बीच रहने वाली घासफूस को नष्ट करने हेतु कौन से तणनाशक की जरुरत होती है. इसकी जानकारी कृषि विशेषज्ञों से लेकर उस अनुसार फवारणी करना फायदेमंद होता है.

* जमीन पर भी विपरित परिणाम
जमीन की प्रतवारी देखकर तथा कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर तणनाशक की फवारणी करनी चाहिए. खेत में किस फसल की बुआई हुई है. उसके अनुसार ही किसी तणनाशक की फवारणी करना महत्वपूर्ण होता है. अन्यथा इसका विपरित परिणाम जमीन पर हो सकता है और जमीन की उर्वरक क्षमता खराब होती है.

* फवारणी के बाद तुरंत न कराये सिंचाई
तणनाशक की फवारणी के बाद तुरंत ही फसलों को पानी देना ठीक नहीं रहता. क्योंकि इसकी वजह से तणनाशक की परिणामकारकता कम होती है और योग्य परिणाम नहीं साधा जा सकता है. जमीन में गीलापन रहते समय तणनाशक की फवारणी योग्य रहती है.

* तणनाशक की टांकी का कही अन्य न करें प्रयोग
तणनाशक की फवारणी करने हेतु प्रयुक्त टांकी का तुरंत ही किसी अन्य किटनाशक की फवारणी हेतु प्रयोग करना पूरी तरह से गलत है. क्योंकि इसका फसलों पर अनिष्ठ परिणाम हो सकता है. जिसके चलते तणनाशक की फवारणी के बाद स्प्रे पंप व टैंक को धोकर साफ करना चाहिए.

* उगवण पूर्ण तणनाशक की फवारणी की जाती है. साथ ही जमीन में गीलापन रहते समय तणनाशक की फवारणी करना फायदेमंद होता है. फवारणी हेतु स्वच्छ पानी का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही कृषि विभाग की सलाह लेकर आवश्यक सावधानी व सतर्कता बरतनी चाहिए.
– राहुल सातपुते,
जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी.

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