* ऑनलाइन परीक्षा के बावजूद परिणाम में देरी
अमरावती /दि.19– संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की पीएचडी प्रवेश पूर्व ‘एम-पेट’ परीक्षा का परिणाम विगत करीब एक माह से लटका पडा है. यह परीक्षा ऑनलाइन ली गई थी और ऑनलाइन परीक्षा के परिणाम के लिए भी अगर एक-एक माह तक रुकना पडता है, तो फिर ऑनलाइन परीक्षा लेने का फायदा ही क्या है. यह सवाल उपस्थित किया जा रहा है. साथ ही यह जानकारी भी सामने आयी है कि, इस ऑनलाइन परीक्षा में करीब 122 प्रश्न ‘इनवैलिट’ आये थे.
बता दें कि, पीएचडी में प्रवेश हेतु ‘एम-पेट’ परीक्षा बेहद अनिवार्य है. जिसके चलते 16 व 17 मार्च को संगाबा अमरावती विद्यापीठ ने ऑनलाइन पद्धति से ‘एम-पेट’ की परीक्षा ली थी. इस ऑनलाइन परीक्षा का परिणाम 8 से 10 दिनों में घोषित होना अपेक्षित था. परंतु एक माह की कालावधि बीत जाने के बावजूद भी परीक्षा परिणाम का कहीं कोई अता-पता नहीं है. इस परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों ने पेट की परीक्षा में 122 प्रश्न ‘इनवैलिड’ रहने का अभिप्राय दिया. जिसके चलते ‘पेपर सेटर’ द्वारा कौन से प्रश्न ‘एम-पेट’ परीक्षा के लिए दिये गये, यह संशोधन का विषय बन चुका है. साथ ही सबसे आश्चर्य का विषय यह भी है कि, इन 122 प्रश्नों को परीक्षा समिति द्वारा मंजूरी कैसे दी गई.
* ‘एम-पेट’ की नहीं मिलती उत्तर पुस्तिका
नीट अथवा जेईई परीक्षाओं की तर्ज पर ‘एम-पेट’ परीक्षा की उत्तर पुस्तिका भी नहीं मिलती है. जिसके चलते परीक्षार्थियों द्वारा छूडाये गये उत्तरों के लिए कितने अंक मिले है, इसकी जानकारी सूचना अधिकार के तहत भी नहीं मांगी जा सकती, बल्कि जो कुछ भी परिणाम घोषित होता है, उसे परीक्षार्थियों को मान्य करना पडता है, ऐसी ‘एम-पेट’ परीक्षा की नियमावली है. वहीं दूसरी ओर विगत एक माह से ‘एम-पेट’ परीक्षा का परिणाम घोषित क्यों नहीं हुआ है. इसकी जांच व पूछताछ कैसे की जाये. इस विवंचना में भी परीक्षार्थी दिखाई दे रहे है.
* ‘एम-पेट’ परीक्षा के परिणाम की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. परीक्षार्थियों द्वारा कुछ प्रश्नों को ‘इनवैलिड’ दर्शाया गया है. जिससे चलते संबंधित प्रश्न सच में ‘इनवैलिड’ है अथवा नहीं, इसकी जांच पडताल करने में काफी समय खर्च हुआ. प्रश्न के साथ दिये जाने वाले 4 पर्यायों में यह भी एक पर्याय होता है. ऐसे में ‘इनवैलिड’ दर्शाये गये प्रश्नों की समिति द्वारा जांच की जा रही है.
– प्रा. डॉ. मोनाली तोटे,
प्रभारी संचालक,
परीक्षा व मूल्यांकन मंडल.