अमरावती/दि.25 – मनपा के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने वाले 12 सफाई ठेकेदारों की याचिका खारिज कर दी गई है. मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने गत रोज यह निर्णय सुनाने के साथ ही याचिकाकर्ता ठेकेदारों से कहा कि, उन्होंने सीधे उच्च न्यायालय में आने की बजाय पहले लवाद के पास जाना चाहिए था. इस फैसले के चलते उन 12 ठेकेदारों को काफी झटका लगा है. वहीं महानगरपालिका को काफी हद तक राहत मिली है.
बता दें कि, मनपा प्रशासन ने प्रभाग निहाय की बजाय झोन निहाय ठेका पद्धति को अमल में लाया. जिसे रद्द करते हुए मौजूदा ठेकेदारों को समयावृद्धि देने की मांग को लेकर 12 सफाई ठेकेदारों ने नागपुर खंडपीठ ने याचिका दायर की थी. जिस पर दोनो पक्षों की ओर से युक्तिवाद किया गया. जिसके बाद अदालत ने कल 24 अप्रैल को अपना अंतिम निर्णय सुनाते हुए इस याचिका को निरस्त कर दिया.
अपनी इस याचिका में 12 सफाई ठेकेदारों द्बारा कहा गया था कि, करारनामे के मुताबिक उन्हें एक वर्ष की समयावृद्धि मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कर्ज निकालकर साफ-सफाई के ठेके हेतु आवश्यक सामान खरीदे थे और अभी जैसे तैसे बकाया कर्ज की अदायगी कर पाने की स्थिति में पहुंचे है, तो मनपा द्बारा उनका ठेका रद्द करते हुए उनके साथ अन्याय किया जा रहा है. जिस पर अपना पक्ष रखते हुए मनपा ने कहा कि, करारनामे के मुताबिक समयावृद्धि देना मनपा के लिए बंधनकारक नहीं है. क्योंकि यह ठेका मूल रुप से केवल 3 साल के लिए दिया गया था और उसके बाद दो बार एक-एक वर्ष की समयावृद्धि देने की बात एैच्छिक तौर पर शामिल की गई थी. ऐसे में अगले एक वर्ष की समयावृद्धि पर ठेकेदारों द्बारा अपना अधिकार नहीं जताया जा सकता. साथ ही कई ठेकेदारों का काम असमाधानकारक भी था. ऐसे में मनपा ने सफाई के ठेके हेतु नई पद्धति का अवलंब किया.
दोनो पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से जानना चाहा कि, इस मामले में करारनामें की शर्त के मुताबिक वे पहले लवाद में क्यों नहीं गए और सीधे हाईकोर्ट क्यों आ गए. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि, किसी भी ठेकेदार व मनपा के बीच रहने वाले विवाद को सुलझाने हेतु उच्च न्यायालय कोई सक्षम प्राधिकरण नहीं है. अत: इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने लवाद में जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने इसके साथ ही 12 सफाई ठेकेदारों की याचिका को भी अपने स्तर पर खारिज कर दिया.
* टेक्नीकल बीड का रास्ता खुला
विगत 3 मार्च को शुरु हुई झोन निहाय निविदा प्रक्रिया के दरम्यान 17 अप्रैल को टेक्नीकल बीड को खोला जाना था. लेकिन इस याचिका के चलते उसे रोक दिया गया. परंतु अब 12 सफाई ठेकेदारों की याचिका खारिज हो जाने के चलते प्रशासन के लिए टेक्नीकल बीड को खोलने का रास्ता खुल गया. पता चला है कि, हाईकोर्ट से फैसले की प्रतिलिपी मिलते ही झोन निहाय टेक्नीकल बीड के लिफाफे खोले जाएंगे. जिससे अब झोन निहाय सफाई ठेके की प्रक्रिया को गति मिलेगी.
* महानगरपालिका द्बारा चलाई जाने वाली झोन निहाय ठेके की निविदा प्रक्रिया के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने वाले 12 सफाई ठेकेदारों की याचिका को कल हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया और उन्हें लवाद के पास जाने का आदेश दिया है. वहीं अब हमे हाईकोर्ट के फैसले की जजमेंट कॉपी मिलने का इंतजार है. जिसके बाद झोन निहाय ठेके की टेक्नीकल बीड खोली जाएगी.
– एड. श्रीकांत चव्हाण,
विधि अधिकारी, मनपा