अमरावती

पेट्रोल व डीजल की कीमतें ‘जैसे थे’

अधिभार आया, आबकारी गया

अमरावती प्रतिनिधि/दि.2 – विगत कुछ दिनों से पेट्रोल व डीजल की दरोें में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं गत रोज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन द्वारा पेश किये गये बजट में पेट्रोल व डीजल पर कृषि अधिभार लगाये जाने की घोषणा की गई. जिसके बाद सभी को यह डर सताने लगा कि, पेट्रोलियम पदार्थों की दरों में और भी अधिक इजाफा होगा. लेकिन प्रत्यक्ष में सरकार ने एक्साईज टैक्स (आबकारी कर) को कम करते हुए उसके स्थान पर कृषि अधिभार लाया जा रहा है. ऐसे में इंधन की दरोें में कोई विशेष इजाफा नहीं होने जा रहा.
बता दें कि, इस बार के बजट में फार्म सेस यानी कृषि अधिभार नामक नये शब्द का प्रयोग हुआ, जो सर्वसामान्य लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. किसानोें के नाम पर पेट्रोल पर प्रती लीटर 2.50 रूपये तथा डीजल पर 4 रूपये का अधिभार लगाये जाने की घोषणा की गई है. जिसके चलते पेट्रोल व डीजल की दरें और अधिक बढने का अंदेशा व्यक्त किया गया है. किंतु इस संदर्भ में विशेषज्ञों से की गई पूछताछ में पता चला कि, यह अधिभार अतिरिक्त नहीं है, बल्कि एक्साईज टैक्स के स्थान पर लगाया जा रहा है. ऐसे में जितने रूपये का एक्साईज टैक्स घटाया गया है, उतने ही रूपये का कृषि अधिभार लगाया गया है. ऐसे में कोई अतिरिक्त दरवृध्दि नहीं होने जा रही.

  • आलोचना से बचने का प्रयास

विगत कुछ दिनों से पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ रहे है, और विपक्ष द्वारा आलोचना की जा रही है कि, सरकार की ओर से एक्साईज टैक्स लगाये जाने की वजह से दरवृध्दि हो रही है. जिससे छूटने हेतु केंद्र सरकार ने एक्साईज टैक्स को कम करते हुए उतनी ही राशि का फार्मसेस लाने का नया फंडा खोज निकाला है. साथ ही किसानोें के नाम पर अधिभार रहने की वजह से सरकार की आलोचना न हो, इस बात का भी पूरा-पूरा ख्याल रखा गया है.

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