अमरावती

पेट्रोल व डीजल ने बिगाडा आर्थिक बजट

किराणा व साग-सब्जी हुए महंगे

  • किसानों पर भी पड रहा महंगाई का प्रभाव

अमरावती/प्रतिनिधि दि.६ – पेट्रोल व डीजल की दरों में लगातार हो रही वृध्दि का परिणाम मालढुलाई की दरों पर पडा है. जिसकी वजह से किचन में रोजाना लगनेवाले किराणा व साग-सब्जियों सहित अन्य वस्तुओं में भी दरवृध्दि हुई है और अब धीरे-धीरे सभी लोगों का मासिक बजट गडबडाने लगा है. साथ ही कई लोग अब इस चिंता में देखे जा रहे है कि, सीमित आय के जरिये अपना घर कैसे चलाया जाये.
उल्लेखनीय है कि, जहां एक ओर कोविड संक्रमण की वजह से कई लोगोें की नौकरियां चली गई और काम-धंधे पूरी तरह से ठप्प पड गये. वहीं दूसरी ओर पेट्रोल व डीजल में लगातार होती दरवृध्दि के चलते महंगाई आसमान छूने लगी है और दैनिक जीवन की जरूरतों को पूरा करने हेतु ज्यादा पैसों की जरूरत पडने लगी है. जिसकी वजह से अधिकांश लोग दोहरे संकट में फंसे हुए है. कोविड संक्रमण का खतरा जारी रहने के दौरान विगत एक वर्ष से पेट्रोल व डीजल की दरों में लगातार वृध्दी हो रही है. इस वजह से मालढुलाई का खर्च भी बढ गया है. जिसके परिणाम स्वरूप किराणा व साग-सब्जी सहित दैनिक जीवन से संबंधित अन्य सभी वस्तुओें के दामों में वृध्दी होती दिखाई दे रही है. यह दरवृध्दि थोडी बहुत नहीं है, बल्कि अब यह आम लोगों की पहुंच व हैसियत से बाहर जाने लगी है. इन दिनों प्रतिमाह लगनेवाले किराणा के लिए पहले की तुलना में डेढ गुना और साग-सब्जियों के लिए दो गुना खर्च करना पड रहा है. जिसने आम लोगों की कमर तोडने के साथ ही उनके मासिक बजट को पूरी तरह से गडबडाकर रख दिया है. साथ ही लोगबाग उम्मीद कर रहे है कि, पेट्रोल व डीजल के दाम स्थित होने के साथ ही इसमें बहुत जल्द कमी भी आये.

  • दाल सस्ती, तेल महंगा

पेट्रोल व डीजल में दरवृध्दि होने के साथ ही खाद्य तेलों के दाम भी आसमान छूने लगे थे. जिनमें अब कुछ कमी आयी है. हालांकि इसके बावजूद अधिकांश लोगों द्वारा प्रयोग में लाये जानेवाला सोयाबीन तेल 140 रूपये प्रति किलो की दर पर बिक रहा है. वहीं तुअर दाल 100 रूपये प्रति किलो, सोयाबीन वडी 100 रूपये प्रति किलो, फल्ली दाना 120 रूपये प्रति किलो तथा खुली चाय 250 रूपये किलो की दर पर है. पेट्रोल व डीजल की दरवृध्दी का सीधा परिणाम किराणा व अनाज सहित साग-सब्जियों पर पड रहा है.

  • फुलगोभी 60 रूपये व टमाटर 40 रूपये प्रति किलो

जहां एक ओर पेट्रोल व डीजल की दरों में बेतहाशा वृध्दी हो रही है, वहीं दूसरी और बारिश नहीं होने की वजह से सब्जी उत्पादक किसानों की समस्याएं और अधिक बढ गई है, क्योंकि कई किसानों के खेतों में स्थित कुएं सूखने की कगार पर पहुंच गये है. ऐसे में साग-सब्जियों की सिंचाई हेतु पानी नहीं रहने की वजह से उत्पादन काफी कम हो रहा है. इसका भी परिणाम साग-सब्जियों के दामों पर दिखाई दे रहा है और इस समय बाजार में फुलगोभी 60 से 80 रूपये प्रति किलो तथा टमाटर 40 रूपये प्रति किलो की दर से बिक रहे है. ऐसे में आम लोगों का दो वक्त का भोजन भी काफी महंगा हो गया है.

  • ऐसे बढे पेट्रोल व डीजल के दाम

महिना                पेट्रोल       डीजल
मई 2018           87.28     74.81
दिसंबर 2019      81.90     72.46
दिसंबर 2020      81.90     81.84
जनवरी 2021      91.63     81.84
फरवरी 2021       94.13    84.60
मार्च 2021          98.78    85.23
अप्रैल 2021         98.19    89.20
मई 2021            98.04    89.32
जून 2021          102.33   94.36
जुलाई 2021       106.90   98.29

साग-सब्जियों के दाम
टमाटर – 40 रू. किलो
पत्ता गोभी – 40 रू. किलो
गवार – 60 रू. किलो
करेले – 60 रू. किलो
बैंगन – 30 रू. किलो

  • ट्रैक्टर से खेती करना हुआ महंगा

इन दिनों अधिकांश किसानों द्वारा अपने खेतों में जुताई व बुआई संबंधी कामों के लिए बैलजोडी की बजाय ट्रैक्टरों का प्रयोग किया जाता है. जुताई रोटावेटर, बुआई, पंजी, पट्टीपास व फसल कटाई जैसे काम अब ट्रैक्टरों के जरिये किये जाते है. किंतु डीजल की दरें बढ जाने की वजह से अब खेती-किसानी से संबंधित इन कामों की भी लागत बढ गई है. इसका भी सीधा परिणाम कृषि उपज के दामों पर दिखाई देने लगा है.

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