अमरावती

फार्मसी एण्ड रिसर्च संस्था वादविवाद प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर

एड. शब्बीर हुसैन की बेटी नफिसा हुसैन के बयानों से प्रभावित हुए परिक्षक

अमरावती दि.18  संत गाड़गे बाबा विश्वविद्यालय द्वारा शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय की मेजवानी की बदौलत चार दिवसीय युवा महोत्सव का आयोजन किया गया. इस अवसर पर शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय के सभागृह में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में पांच जिले वाशिम, बुलढाणा, अकोला, यवतमाल और अमरावती के 55 से अधिक कॉलेजों ने हिस्सा लिया था. जिसमें शहर के मशहूर विधि विशेषज्ञ एड. शब्बीर हुसैन की बेटी बडनेरा के फार्मेसी एंड रिसर्च संस्थान की द्वितीय वर्षीय छात्रा नफीसा हुसैन ने दिये गये विषय को इतने भावनिक रुप से पेश किया, जिसकी बदौलत बडनेरा फार्मेसी एंड रिसर्च संस्थान को वाद विवाद प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ.
देश में कई कलाओं को हमेशा ही प्रोत्साहित किया जाता है. जिनमें मुख्य रुप से कविता, कला, संगीत, मूर्तिकला और वास्तुकला के शानदार कौशल का समावेश होता है. लेकिन वक्तृत्व एक ऐसी कला है, जिसके माध्यम से हम समाज में अपने विचारों का आदर्श स्थापित कर सकते हैं. बोलने वाले की शैली सुनने वालों को रोकने मजबूर करती है. वह उनके तर्क को समझाने का प्रयास करते हैं, उनके निर्णय का प्रबंधन करता है, उन्हें कार्य करने के लिए बाध्य करता है, फिलहाल के लिए वह मास्टर कहलाता है. संगावा विवि के युवा महोत्सव में’ उच्च शिक्षा में सोशल मीडिया का अत्याधिक उपयोग बहस की अनुभूति’ विषय पर वाद-विवाद का आयोजन किया गया. हर व्यक्ति को पक्ष या विपक्ष में बोलने के लिए 5 मिनट का समय दिया गया. भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने आश्चर्यजनक वक्तृत्व और आत्मविश्वास के साथ अपनी बातें रखीं प्रतिभागियों ने कोविड की चुनौतीपूर्ण समय में बच्चों को पढ़ाने के लिए सोशल मीडिया के उपयोग, सोशल मीडिया द्वारा उपलब्ध कराए गए 3 डी सीखने के दृष्टिकोण आदि जैसे मुद्दों को उठाया. जिन छात्रों ने इस प्रस्ताव के विपक्ष में बात रखी उन्होंने तर्क दिया कि कैसे सोशल मीडिया छात्रों को सबसे अधिक चिंता और उदासी का अनुभव करने के साथ-साथ ऐसे शिक्षाविद भी थे जो सोशल मीडिया के आविष्कार से पहले ही अच्छी तरह से शिक्षित और जानकार थे, यह बातें बताने का प्रयास किया. भाग लेने वाले छात्रों को प्रशांत टाकरे, डॉ. शीतल तायडे और डॉ. नीलिमा दांबले ने परीक्षक के रूप में जज किया. कार्यक्रम की मेजबानी अर्चना बोबडे ने की. हाल ही में घोषित वाद-विवाद प्रतियोगिता के तीन विजेताओं में संत गाड़गे बाबा यूनिवर्सिटी को तीसरा, इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेस एंड रिसर्च को दूसरा और कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी अकोला को पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ. प्रतियोगियों में नफीसा हुसैन ने वाद-विवाद के विषयों को इस प्रकार बयान किया कि सभी भावुक हो गये थे. कैसे सोशल मीडिया अवसाद को कम करता है और एक मजेदार मंच के रूप में कार्य करता है, साथ ही साथ 15.6 प्रतिशत भारतीय छात्र एमबीए कैसे करते हैं. इसके अलावा इन छात्रों के लिए सोशल नेटवर्किंग एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है, जो अपने व्यवसायों का विस्तार देने में कारगर साबित होती है. इन बातों को भी इस मंच के माध्यम से सकारात्मक रुप से पहचान देने वाली एड. शब्बीर हुसैन की बेटी नफीसा हुसैन की बदौलत बडनेरा के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड रिसर्च सेंटर ने द्वितीय स्थान हासिल किया. जिसके लिए नफीसा हुसैन का सर्वत्र अभिनंदन किया जा रहा है.
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