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फुले-शाहू-आंबेडकरी संगठना ने किया मोहन भागवत का निषेध

छत्रपति शिवाजी महाराज के समाधि स्थल को लेकर किए गए विवादास्पद वक्तव्य को लेकर संगठना आक्रामक

अमरावती/दि. 12 – छत्रपति शिवाजी महाराज के रायगढ किले की समाधि का महात्मा ज्योतिराव फुले ने 1869 में सर्वप्रथम पता लगाकर शिव जयंती मनाई थी. लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत द्वारा गलत व विवादास्पद वक्तव्य करते हुए बाल गंगाधर तिलक द्वारा इस समाधि का पता लगाने की बात कही गई. इस कारण फुले-साहू-आंबेडकर अनुयायी आहत हुए है. इस वक्तव्य को लेकर उनमें तीव्र रोष व्याप्त है. मोहन भागवत के इस वक्तव्य का आज फुले-शाहू-आंबेडकरी संगठना के पदाधिकारियों ने राजकमल चौक पर सुबह तीव्र प्रदर्शन करते हुए निषेध किया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने अपने वक्तव्य में बाल गंगाधर तिलक द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की रायगढ किले की समाधि स्थल का पता लगाने की बात कही गई. उनके इस वक्तव्य से फुले-शाहू-आंबेडकरी संगठना के अनुयायी व पदाधिकारियों में तीव्र रोष व्याप्त है. संगठना का कहना है कि, छत्रपति शिवाजी महाराज के समाधि स्थल का महात्मा ज्योतिराव फुले ने 1869 में सर्वप्रथम पता लगाया था और उन्होंने ने ही सर्वप्रथम शिव जयंती मनाई लेकिन आरएसएस सरसंघ चालक गलत वक्तव्य कर रहे है. इस वक्तव्य का निषेध करने के लिए आज फुले-शाहू-आंबेडकरी संगठना के सैकडों पदाधिकारियों ने राजकमल चौक पर सुबह इकठ्ठा होकर तीव्र प्रदर्शन करते हुए मोहन भागवत के वक्तव्य का निषेध किया. इस आंदोलन में उपेक्षित समाज महासंघ के अध्यक्ष श्रीकृष्ण बनसोड, श्रीकृष्ण माहोरे, सुभाष गोहत्रे, महात्मा फुले समता परिषद के प्रदेश सचिव डॉ. गणेश खारकर, डॉ. आंबेडकर समाजभूषण संघ, सामाजिक परिवर्तन परिषद, वि.स. माली शिक्षण संस्था, सर्व शाखीय माली ऋणानुबंध महासंघ, मुस्लिम धर्मगुरु प्राचार्य अब्दुल अजीज रिझवी, कांग्रेस के हरीभाऊ मोहोड, साहित्य सम्राट अण्णाभाऊ साठे क्रांति परिषद के ईश्वरदास गायकवाड, महानायक संगठना, बारा बलुतदार संगठना, महात्मा फुले बहुउद्देशीय संस्था, माली मिशन आदि संगठना के पदाधिकारी व कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे.

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