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भूमिगत गटर योजना के लिए हाईकोर्ट में ‘पीआयएल’

पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने दायर की याचिका

अमरावती/ दि. 23- राज्य के 6 संभागीय मुख्यालयों में से एक रहनेवाले अमरावती शहर के नागरिकों के स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण रहनेवाली भूमिगत गटर योजना के काम विगत 5 वर्षो से पूरी तरह ठप पडे हुए है. नये निधि या काम को मंजूर करना तो दूर परंतु वर्ष 2014 से 2019 के दौरान मंजूर होकर कार्यारंभ आदेश रहनेवाले काम भी पूरे करने में प्रशासन व जनप्रतिनिधि पूरी तरह से असफल साबित हुए है. जिसके चलते पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर करते हुए गुहार लगाई है.
मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में एड. प्रवीण पाटिल के जरिए बरसों से प्रलंबित अमरावती की भूमिगत गटर योजना को लेकर महाराष्ट्र सरकार, जलापूर्ति व मलनिस्सारण विभाग के सचिव, नगर विकास विभाग के सचिव, जीवन प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता एवं मनपा आयुक्त को प्रतिवादी बनाते हुए पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख द्बारा जनहित याचिका दायर की गई है. जिसे न्या. नितिन सांबरे व न्या. वृषाली जोशी की दो सदस्यीय खंडपीठ में सुनवाई हेतु स्वीकार करने के साथ ही प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने हेतु कहा है.
अपनी इस याचिका को लेकर पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख का कहना रहा कि निष्क्रिय जनप्रतिनिधि व सुस्त प्रशासन के अनास्था के चलते बरसों से प्रलंबित पडी भूमिगत गटर योजना अब हाईकोर्ट द्बारा फटकार लगाये बिना पूरी नहीं हो सकती. ऐसा विश्वास हो जाने के चलते अब अदालती लडाई लडकर सरकार को योजना का काम पूरा करने हेतु बाध्य किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी अमरावती के बेलोरा विमानतल के विकास हेतु पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रवीण पाटिल के सहयोग से जनहित याचिका दायर करते हुए सरकार को बेलोरा विमानतल का विकास करने हेतु बाध्य किया था. जो अब पूरी तरह से बनकर तैयार होने के साथ ही उद्घाटन के अंतिम चरण में पहुंच चुका है.

 

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